ஜோ ரூத்ர உமாபித், ूष ूष पु से है में ूप सू सू तथ देह जीव जीव जीव जीव जीव जीव जीव जीव जीव जीव जीव जीव जीव जीव जीव जीव जीव जीव जीव जीव जीव जीव जीव जीव जीव जीव
जो अघो, घो है है से घो है जो स ूप हैं हैं आपके आपके स को है मनुष्य जीवन की प्रथम आवश्यकता है, मन और तन का स्वस्थ होना, स्वस्थ शरीर से ही हमारे मन की वृत्तियां स्वस्थ होती हैं, स्वस्थ मन से श्रेष्ठ इच्छाओं की उत्पत्ति होती है, श्रेष्ठ इच्छाओं से क्रिया शक्ति में वृद्धि और क्रिया शक्ति से ही श्रेष्ठ फल की पराप्ति है श औ मन क स होन अति आवश है, क की प क इनके द ही होती होती ही ही औ के के में शक, औ क प प तीव हत औ उसी उसी से से मन मन मन मन मन ஜப் தீனோம் ஏகதா கா சாமஞ்சஸ்ய ஹோதா ஹாய், டோ ஜீவன் ஸ்ரேஷ்டமயம்.
स तो तो है कि देह देह मन मन की की प हो हो हो तु इस ख-प, ख ऐसे में आवश्यक है कि चिंतनशील साधक शक्तिमान परमपिता परमेश्वर शिव से शक्ति तत्व ग्रहण कर अपने रोम-प्रतिरोम में आत्मसात करे, क्योंकि एकमात्र शिव का रूद्र स्वरूप ही जीवन के सभी रूदन भाव अर्थात् व्याधियों, विकृतियों को जड़ मूल से समाप्त करने वाले देव हैं।
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பெறுவது கட்டாயமாகும் குரு தீட்சை எந்தவொரு சாதனத்தையும் செய்வதற்கு முன் அல்லது வேறு எந்த தீக்ஷத்தையும் எடுப்பதற்கு முன் மதிப்பிற்குரிய குருதேவிடமிருந்து. தயவு செய்து தொடர்பு கொள்ளவும் கைலாஷ் சித்தாஷ்ரம், ஜோத்பூர் மூலம் மின்னஞ்சல் , , Whatsapp, தொலைபேசி or கோரிக்கை சமர்ப்பிக்கவும் புனித-ஆற்றல் மற்றும் மந்திரம்-புனிதப்படுத்தப்பட்ட சாதனா பொருள் மற்றும் கூடுதல் வழிகாட்டுதல்களைப் பெற,
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