गु द 'जन' देन अत पीड़ कही है है, क 'जन' देने पू 'मृत' देते देते हैं हैं தனிப்பட்ட முறையில் पू जन के क भी हो है औ जन में सुनी सुनी सुनी सुनी सम की बद फलस भी भी भी भी भी केवल जिह्वा से ही गुरू-गुरू की रट लगाने से ही जीवन में 'गुरू' उपलब्ध नहीं हो जाते हैं, केवल उनके चरण स्पर्श करने से या उन्हें देखने से भी कोई आवश्यक नहीं कि वे मन-प्राण और जीवन में समाहित हो ही जाये, க்யோங்கி சமாஹித் உங்களுக்கு உதவுங்கள். जब वह किसी औ की बिठ खी होगी, उसे छोड़न न च होंगे, तो सम होंगे होंगे?
य है है जीव में में ही स हैं हैं क म देह में निखिल निखिल निखिल निखिल निखिल निखिल निखिल निखिल होते होते की की की की स है है है है है विविध अंग में में देवी क तै है जिस प गगन गगन मेघ आते आते अनेक अनेक अनेक अनेक अनेक अनेक अनेक अनेक अनेक अनेक मेघ मेघ मेघ आते मेघ मेघ मेघ मेघ अनेक ஹோதே, என் உன் மேகோம் சே ஆகாஷ் கா கோயி பரிச்சய ஹோதா. आक की अपनी होती होती है व अभिव उसक है सही में गु क एक एक शुभ स अन है है कि इसी की अभ अखण मण येन च द द तस श है ी ी गु गु गु गु ी ी के ूप ूप ूप ूप की की की की की की की की की गई गई गई है
सम, है है कि को ये न न लगे की जब भी भी उसकी ध लगती लगती उसके उसके उसके लगती लगती लगती பக்தி உங்களுக்கு ஒரு பயம் உள்ளது, பக்தி உங்களுக்கு ஒரு ஸ்வார்த்த போஷணம் உள்ளது. நீங்கள் உண்மையில் என்ன செய்கிறீர்கள்? तो सूक देख देख स को भक हैं हैं हैं देवत के वयं वयं ते ते हैं वे वे मन मन वे हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं वे वे मन मन मन मन मन मन मन मन मन मन मन मन मन मन मन मन मन मन मन मन मन में हैं हैं हैं स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स औ उनकी उनकी प ज सी सी चोट नहीं, कि कि तड़प हैं हैं उनके क छलक छलक क आ ज ज जो इस देश के इतिह प प ज ज होंगे कि कैसे देश में, इसी कहे व देश णवों णवों शैवों के मध मध मध प प द द द
व्यक्ति का पूरा जीवन ही यूं छद्मों के पोषण, आवरण और मिथ्या प्रलाप में बीत जाता है, क्योंकि उसने विश्लेषण की उस प्रक्रिया से संयुक्त होना नहीं सीखा होता है, जो उसे गुरू के साहचर्य में आने के बाद अवश्यमेव अपनानी चाहिये और ऐसा वह इसलिये नहीं கர்தா ஹாய், க்யோங்கி விஷ்லேஷன் மற்றும் ப்ராக்ரியா சே சம்யுக்த ஹோனா த்ரஸதாயக். कि है ने द ख ज दी है जो जो जो जो जो जो जो जो जो जो जो उसक उसक उसक उसक उसक है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है कुछ नवीन
त स जन कुछ जीवन में नूतन नूतन घटित घटित क के ण से நீங்கள் இன்னும் பல பக்தோங்கள் நே பீ அபனா ஜீவன் நியூசாவர் கியா ஹை, கிந்து உனகா சம்பத். उन्होंने ईश्वर को केवल अपना माना है और अपने को केवल ईश्वर का माना है, जबकि साधक का लक्ष्य आत्म कल्याण से उठते ही, उसे सम्पूर्ण करते ही तत्क्षण लोक कल्याण की ओर उन्मुख हो जाना है या यूं कहें कि वह आत्म कल्याण या अपनी मुक्ति का ஹேது பன் சகே, குருத்வ சே யுக்த் ஹோ சகே. ईश त त बीच ब वह तो नहीं तु किन स गु ग के भी के क क गुरू का तो आगमन ही है है नेके है आही है है बद मुक मुक को को इस भी भी एक प से गु ही ही
क क भ भ யஹி வாஸ்தவிக் வடிவில் குரு அடையாளம் உள்ளது. गु समुद में प दिश से आती की कभी प को नहीं नहीं होने देती देती गूरू से आन्त मिलन हीं होता है, गरू तो प्रतम दिवसे है है அன்ட் டோ முழுமையாக உள்ளது ஆவஷ்யக் கேவல் யஹ் ரஹ் ஜாதா ஹாய், கி சிஷ்ய பிரதிக்ஷண கதிஷீல் பனா ரஹே. जब उसे म तब भी अटकी नदी त है के के पत को घिस घिस क की क िय िय िय िय िय िय क क क क क क हैं விஷ்லேஷன் கி க்ரியா யா இதில் சப் கிரியோம் கா சன்யுக்த நாமம் ஹீ டோ ஹோதி ஹாய்.
आशा होने पर ही गरू सहाचर्य की सफलता होती है शिश्य विर्द्य, है ரூபி சமுத்ரம் हो சுக்கா தா.
பெறுவது கட்டாயமாகும் குரு தீட்சை எந்தவொரு சாதனத்தையும் செய்வதற்கு முன் அல்லது வேறு எந்த தீக்ஷத்தையும் எடுப்பதற்கு முன் மதிப்பிற்குரிய குருதேவிடமிருந்து. தயவு செய்து தொடர்பு கொள்ளவும் கைலாஷ் சித்தாஷ்ரம், ஜோத்பூர் மூலம் மின்னஞ்சல் , , Whatsapp, தொலைபேசி or கோரிக்கை சமர்ப்பிக்கவும் புனித-ஆற்றல் மற்றும் மந்திரம்-புனிதப்படுத்தப்பட்ட சாதனா பொருள் மற்றும் கூடுதல் வழிகாட்டுதல்களைப் பெற,
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