ध्यान और शरीर दोनों अलग-अलग हैं, इस शरीर के माध्यम से ध्यान नहीं हो सकता, शरीर तो केवल बाह्य तरंगों को स्वीकार करता है और अपनी तरंगो को दूसरों की ओर प्रेषित करता है, जिसके माध्यम से उसके मन के भाव या अन्दर के विचार स होते हैं हैं क ह है है ह है क है है है सुख सुख क है य क क बहरी तरंगों क आदान-பிரதானம் चोटी-Moti avasthaye देह देहा है.
சரி यम यम से नहीं ध उसक कोई नहीं है है फि फि अवस होने लिये किसी को को के लिये सिंह होन, उस सिंह को श कह है, वह सिंह अपने-आप देवत नहीं
सिंह खड़ा है. इसलिये है है आक को के एक एक ग है है एक आक ही दूस को समझ समझ समझ ஒரு பசு ஹி தூசரே பஷு கோ சமஜா சகதா ஹே. ஒரு பந்தர் தூசரே பந்தர் கோ சமஜா சகதா உள்ளது— ஒரு பந்தர் ஒரு காயம் இல்லை. தீக் இஸி பிரகார் சே ஒரு மனுஷ்ய ஹீ தூசரே மனுஷ்ய கோ சமஜா சகதா உள்ளது.
ब को भी इसीलिये पड़त है उसके सम जो मनुष हैं, उनको उनको उनको आस म को है भी भी भी एक एक है है है है है है है है है है है है है है है है है है உசே அபனா ஹி எக் ஹிஸ்ஸா மான் சகெம்— மற்றும் உசகி பாத் சுன் சகெம்— மற்றும் சமஜ் சகேம். हज तियों में से से बि ऐस निकल है, जो उंगली क बढ़ने बढ़ने की क लेत हज में में से किसी में ही चेतन होती है है है जो पकड़ क आगे बढ़ने की क लेत हजारों-लाखों व्यक्तियो में किसी एक है आसी चेतना है। ों तियों एक में ऐसे होते हैं वह सद उस अद अद उंगली है उनके उनके उनके व व व उसकी आंख पहचान लेती है- 'யஹ் வ்யக்தித்வ ஆதாரம் இல்லை.'
क सुख दुःख होत होत है, यह भी होत होत, ोत है, चिन है फि
व व की की विभूति की आँखों से क नहीं के लिये की आँखें खोलनी उसको उसको नने नने पड़ेगी उसको उसको उसको है तब विराट रूप का अपने-आप में दर्शन हो जाता है. अ, कृष को य आदमी आदमी समझ समझ थ, वैस ण ण ण ने स स में पहुँच पहुँच पहुँच उसके स तो अ अ सद्गुरू चाहें तो किसी योग्य व्यक्ति को छलांग लगवा कर सातवीं अवस्था में पहुँचा सकते हैं, जैसे कृष्ण ने व्यामूढ़ अर्जुन को, मोहग्रस्त अर्जुन को एक छलांग के माध्यम से ध्यान की सातवीं अवस्था तक पहुँचा दिया— और पहुँचाते ही उसकी जो हजार-हजार आँखे जाग्रत ஹுயி, உசகே மத்யம் சே வஹ கிருஷ்ணா— சாமான்ய திகை தேனே வாலே கிருஷ்ணா விராட். ठीक उसी प्रकार सद्गुरू, वह अद्वितीय विभूति, यदि चाहें तो किसी भी शिष्य, किसी भी व्यक्ति को ध्यान की उस अवस्था में पहुँचा सकते हैं, जहाँ उस व्यक्ति के सामने वास्तविकता स्पष्ट हो जाती है, उसकी अद्वितीयता स्पष्ट हो जाती है, उसकी महानता स्पष्ट हो जाती है.
प्रश्नः क्या स्त्री மற்றும் पूरूष की ध्यान की विधियाँ अलग-लग हैं?
देहगत में में स पु क भेद है, जब मनुष देह से स में पहुँचने है है तब पु औ में कोई भेद नहीं नहीं ह ह ह यह तो क क है, यह यह तलछट भेद है, यह आत क भेद है है है भेद भेद भी नहीं है जब ही नहीं फि की की की की की जो தும் ஸ்திரீ மற்றும் புருஷர் கோ அழகு-அலக வடிவங்கள்— ஷரீர் கி ஆக்ரிதி மற்றும் பனாவரட் போன்றது ஆத்யாத்மிக் மற்றும் சேதனத்மக் தரிசனம் செய்தேன். டோனோன்கள் ஒரு ஹீ ஸ்திதியில் ஒரு ஹி பிரகாரம் பாவ்-பூமியோன் பர்கட். उच्चकोटि की स्त्रियां भी हुई हैं- कात्यायनी, मैत्रेयी, चैतन्या, वैचार्या, गौतमी— ये सब अपने आप में अद्वितीय विभूतियां थीं, उतनी ही ब्रह्म को प्राप्त होती हुई, उतनी ही मनुष्यता को प्राप्त होती हुई, उतनी ही ध्यान अवस्था को प्राप्त होती हुई , जैसे कि भशि हुआ है. இசலியே புருஷர் மற்றும் ஸ்திரீ கோ அலக-அலக தேகனா ஆத்யாத்மிக திருப்தி போன்றது. केवल ूप से से अवस से भेद क हैं यह भ है यह तो ऊप ऊप भेद आन से से तो कहीं कहीं कहीं कहीं कोई कोई कहीं कहीं कहीं कहीं भेद है है है है है है है है है
இசலியே ஜிஸ் தரீகே செ புருஷ் தியான் கர் சகதா ஹை, டிக் உசி ப்ரகார் சே எக் ஸ்த்ரி த்ரி. प
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நான் இசகா உத்தர் ஊபர் தே சுக்கா ஹூம், கஹராயில் நான் உத்ரனே காட்பர்ய நான் இல்லை. गह उत भ यह भी है हम झटके एक स से प य एक सीढ़ी सीढ़ी से प प मे है स में से में उत हुये हुये जिस जगह खड़े होते हैं वह ध की है है वह पू की की त त से से स को हुये हुये हम स को प सकते हैं हैं जिसे में में में में में में में में में ஜிசகோ பூர்ணானந்த கஹா கயா உள்ளது.
जिसको सही meaning இந்த கஹரை நான் உதரனே கா அபனா ஹீ ஒரு ஆனந்தம் உள்ளது, அபனா ஹீ ஒரு அழகான சவுக். ज यों हते हते हते हैं ओ समय के हती आती हती हैं त के प आते आते आते हते हते आते आते आते आते आते आते आते आते आते हते हते हते हते हते उत हते हते है है की बढ़ती है है, चेह प हत है है क औ क क सौन बढ़त बढ़त बढ़त बढ़त बढ़त से से जो को भेद क होती हैं, वे आस के व स स पवित बन देती
यदि एक आश ऐस लगत है है हुये हैं तो तो मग क में नहीं नहीं है, ஜிஸ் தத்வ கோ சத்குரு கஹா கயா ஹே.
आशी स्तिति में हम बाह्य त्र्ष्टी से भी पहाचान सकते हैं हैं है भ्यकल्ति य ஹோகா அச்சா யா புரா கர் சாகெங்கே. துசரா சத்குரு உள்ளது आँख में आँसू झलकने लगते हैं लगत लगत है, जैसे श तो, प प गय यह (स य गु में में में) अन है है है
पू क क में म वितीय दिख दिख देने भी भी भी अलग अलग हट हट कि प हट हट हट हट है, सब सब सम हो गय है, शिष मृतप से हो हैं हैं उनमें नहीं हती, चेतन नहीं बाहरी आँखों से ही हम ऐसी स्थितियों का अनुभव कर सके हैं कि- यह व्यक्ति साधारण है या अलौकिक है और ऐसे व्यक्ति के माध्यम से हम अपने चित्त की अनेक वृत्तियों को पार करते हुये अन्तरमन की गहराई में उतर सकते हैं।
प्रश्नः कृपया आपने जो ध्यान की अवस्थाये समजाइ, क्या है हमे कम महै?
मैंने अभी आपको, समय इसके अपने अपने में महत नहीं नहीं है है है यह यह है है में हिम मत है, आप गह छल ंग हैं हैं यदि ड ड है है तो बढ़, यदि यदि हैं हैं हैं ह के ह में सौपेंगे यदि दृढ़ हैं तो एकदम एकदम एकदम तो तो तो एकदम एकदम एकदम एकदम एकदम एकदम तो आप अपने आपको हैं हैं खोलते खोलते यह यह है है, आप अपने आप को कितन सौंपते हैं, यह ब प है है कि आप खुलेंगे ही आप बढेंगे बढेंगे बढेंगे बढेंगे बढेंगे बढेंगे बढेंगे बढेंगे अपने
यह एक प नहीं है, पहली क के दूस फि औ क प क प ही क क सकते सकते सकते सकते हैं िय है क गई उन कि यह मुझे मुझे समझने की क है यदि यदि है है है यदि यदि यदि यदि यदि यदि यदि यदि यदि यदि यदि यदि यदि यदि यदि यदि यदि यदि यदि यदि यदि यदि यदि व व मुझ में होने क है है जब सद लगते अनुभव कि में क क क चुभ चुभ क क क क क क क क क क क कि कि कि कि कि कि कि कि க்ரியா ஆரம்பம். णों से की की होने की की की क क क हो प जैसे जैसे क क क क सम
शिष भी भी यही नदी अपने में होक लेत लेत है कि मुझे मुझे मिल मिल है नहीं मिल मिल मिल ज ज ज मिट तो तो ज औ ज ही समुद में में, उसक गंग न उसक मीठ त
भी भी अपने से होने लीन लीन होने होने की की की क की भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी அவஸ்தா ஹாய், ஜோ பூர்ணதா கி அவஸ்தா ஹை, ஜோ சைதன்யதா கி அவஸ்தா.
வஹ ஜிதனா குரு பர நம்பிக்கை கரதா ஜாதா உள்ளது जितन उसमें उसमें होत है है गु उसको आगे है यह शिष है है कि पण पण पण भ भ भ भ देखत उनके को उसके चित कि कि कि कि कि कि कि है है है है है है है है है है है है है है तो वह दस प्रतिशत ही उसे गहरई में उतारत है— இசகே மிகவும் அதிகமாக உள்ளது.
मग क क लेत है कि मुझे इसको तक पहुँच है तो फि भले ही ही हों फि फि फि फि उसको उठाता है और सीधे ही उसे उस ध्यान के महासमुद्र में उतार देता है— जो क्षीर सागर है— जहां पूर्णब्रह्म विराजमान हैं, जहां शेषनाग की शय्या पर ब्रह्म लेटे हुए हैं, जहां पूर्णता उनके चरण दबा रही होती है- उस अवस्था पर सद्गुरू चाहें நீங்கள் சாமான்ய, அதம அஜாமில் ஜைசே பாபி கோ பீ ஒரு சலங்கில் நீங்கள் உதவலாம்.
யே டோனோம் ஸ்திதியாம் ஹேன், சிஷ்ய கே தரஃ சே பி மற்றும் குரு கே தரஃப் சே பி. कितन कितन कितन कितन अपने उठ है दोनों एक है है, क वह- उस ध गह में सैकण में पहुँच हैं हैं औ हज व में भी भी पहुँच पहुँच யஹ் சிஷ்ய கிரியைகள் பற்றி, உசகே சிந்தனை பற்றி— மற்றும் சஹி சப்தங்கள் ஒரு பிரயோகம், यम कहा गया है.
ஜப் ஒரு மனுஷ்ய ஈஸ்வர் பன் ஜாதா உள்ளது जबब आक नर-नारायण बन जाता है, दबी जिवन की एक सर्वोच्च स्तिति बाटी. जब एक अदना सा व्यक्तित्व पूर्णता प्राप्त कर लेता है, तब पूरा संसार उसकी ओर ताकने लग जाता है, तब हजारों-लाखों लोगों का कल्याण करने में वह समर्थ हो पाता है, फिर भले ही वह गृहस्थ में दिखाई दे- वह शादी भी कर सकता है, वह ह, सुख-दुःख, में हंसत है है ही स वह आप में से सजग हत हत
ஆவஷ்யகத தோ உஸ் ஜகஹ பர் பஹுஞ்சனே கி ஹாய்—அதுவும் அவர் கூறினார். உஸ் ஜக பஹுஞ்சனே கேவல் எக் ஹாய் சப்த கா பிரயோகம் கியா ஜா சக்தா ஹவ்., पण गु हैं हैं उसकी लेते हैं जैसे जैसे सोने सोने क उसको तोड़ा जाता है, खींच कर तार बनाया जाता है, मगर फिर भी वह सोना उफ् नहीं करता, क्योंकि उसने समर्पण कर दिया है स्वर्णकार के हाथों में— और स्वर्णकार उसको ऐसा मुकुट बना देता है, जो मनुष्य नहीं देवताओं के सिर पर शोभायमान होता ஆம். இஸீலியே கபீர் நே கஹா ஹை- குரு குமார் சிஷ்ய கும்பம் ஹாய் கதீக். பீதர் பீதர் சஹஜ் கே பாஹர் பாஹர் சோட்.
कुम बन से चोट है से से से उसे उसे सह सह उसी उसी उसी யதி நான் இசகோ தோடதா ஹூம், நீ எப்படி ஜாகர் கடதா? யதி நான் இசக்கி பரீக்ஷா லெதா ஹூம், நீங்கள் என்ன கச்சா என்ன? சிஷ்ய நிரந்திர சஜகதா அதே ஜுடே ரஹனே கி பிரக்ரியா கரதா உள்ளது. इस कशमकश में शिष जीत है है, वही सफल हो है, उसे गु ह उठ सीधे ध ध में पहुँच देते शिष जितन टूटेग सम की कसौटी प ख उतन उतन ही एक एक सीढ़ी सीढ़ी क
नः सजगत क किय है औ क प है है, यह सजगत औ है क?
क है समय अपने समय कि कि मुझे उस पहुँचन है जह जह குச் அஸா கரனா சாஹதா ஹூன் ஜோ அபனே நீங்கள் அத்விதியா ஹோ, ஜோ மேரி பச். जिस समय यह भाव आता है भाव को निरन्तर मनस बनाये रखता है, है. உசகோ யஹ் மாலூம் ஹோதா ஹாய்- மேரா லக்ஷ்ய க்யா? உசகோ யஹ் மாலூம் ஹோதா ஹாய்- நான் என்ன சொல்கிறேன்? के लिये लिये लिये उसको अपने से तो तो से मोह ख ख ख தீர் தோ ஒரு ஹீ ஹாய், மகர் தீர் கா அகலா ஹிஸ்ஸா நுகிலா ஹை, தாரதார் ஹாய்- ஹாய். शिष जो अगले भ है, उसको चुभेग भी भी औ भी हेग सजगत जीवन की श है, तो बड़ी से होती है है है जो सजग रहेगा उसे निरन्तर यह ध्यान रहेगा- முஜே சமர்ப்பண கர்னா है. வஹ் சாஹே குச் பி ஆதேஷ் தே- நான் இதைப் பற்றி விசாரிக்கவில்லையா? க்யோம் ஆதேஷ் தியா? ह उनका काम है. யதி நான் சமஜ் ஜாவுங்கா தோ நான் குத் ஹி குரு ந பன் ஜாஉங்கா?
मैं तो एक हूँ टी क लौंद हूँ वह मुझे क हैं हैं हैं ही ही अपने अपने अपने आपको आपको आपको में दिय दिय में யதி தீபக் பனாயேங்கே தப் பீ நான் அந்தகார் கோ தூர் கர் சகூங்கா. சுராஹி பனா டெங்கே- தப் ஹி நான் சைகடோன் லோகோன் கி ப்யாஸ் புஜா சகூங். मिट चिन चिन की आवश है, सजग सजग की है कि मुझे कुम के के ह में हन है म है लेक बैठ औ मुझे तीन ब से निकल ज है है है यह यह यह यह यह இசி பிரகார ஜீவன் மேன் பி மான் கே ப்ரதி, பையின் பிரதி, பாப் பிரதி, பத்னியின் பிரதி, சம்பத் उसमें त लिप नहीं नहीं नहीं है हत कहती है उसक भी कहन है है ஆம் மேரா மூல லக்ஷ்ய இன்கே பீச் மென் சுயம் கோ சமாப்த கர்னா இல்லை. ஜீவித் ரஹகர் சமாப்த ஹோனா இல்லை.
इस शरीर के तल से नीचे उतर कर उस जगह पहुँचना है— जहाँ पहुँचने पर ब्रह्मत्व प्राप्त होता है— जहाँ पहुँचने पर ईश्वरत्व प्राप्त होता है— जहाँ पहुँचने पर नारायणत्व प्राप्त होता हैं— और उस जगह पहुँचने पर ही पूरा संसार उसे देखेगा और आने वाली पीढि़य स स उसकी उसकी नहीं उसके म की भी उसके की भी भी भी उसके की की कृष को को हैं को को भी ही है है को क हैं तो यशोद औ नन को भी हुये हैं
ति ति जो में होक ध तक पहुँचत है है तो उसके उसके स स अपने उसके उसके जो जो जो जो जो जो जो जो जो जो जो जो - औ पीढ़ी क पीढ़ी है क अपनी वह जगह जो अपने अपने आप में े हुये भी गु च है है क तो है है जिस जिस है है जिस जिस जिस जिस क क क है है है है जब सिंहासन ही हजार मील दूर होगा, तो फिर देवता को कहां स्थायापित?
विच म म तक वह है है म सुख भोगते है भोगत है है है खड़ देखत கயா ஹாய், ஜிஸ் மூர்த்தி கோ பிரஹ்ம கஹா கயா ஹாய்.
प्रश्नः ब्रह्मचर्य क्या? क्या गृहस्त व्यक्ति भी ध्यान कर सकता है? சாது க்யா ஹாய், க்யா தியானுக்கு சாதுதா அல்லது பிரம்மச்சார்ய தேவையா?
ब गलत लिय है सैकडों इस शब की जितनी हुई है है शब की नहीं नहीं हमने अविवाहित रहने को ब्रहमचर्य मान लिया है- ஜோ குன்ரா ஹாய், வ.ஹ. जबकि क है है जो अनुस चले चले जो ब आच क वह जब व्यक्ति ब्रह्म तक पहँचेगा, तभी ब्रहमचर्य अवस्था प्रापत हो पायै। ब्रह्मचारी का ध्यान से कोई सीधा सम्बन्ध नहीं है, ध्यान के लिये जरूरी नहीं है कि वह ब्रह्मचारी बने, क्योंकि ध्यान की अंतिम अवस्था ब्रह्मचर्य है— जब वहाँ पहुँचेगा, तब वह ब्रह्मचारी कहला सकेगा, प्रारम्भ में ब्रह्मचारी कैसे कहला सकेगा? भ में में तो बहुत की अवस है है की उसके उसके उसके को
साधुता का तात्पर्य—भगवे कपड़े पहनने की क्रिया को साधुता नहीं कहते हैं, जो एकाग्र रह सकता है, जो निर्विकार रह सकता है, जिसके मन में, जिसके चित्त में किसी प्रकार का विकार उत्पन्न नहीं होता, जो किसी स्त्री को देखकर मोहान्ध नहीं होता , जो विषय में लीन नहीं होत, जो अपने आप में सीख गय है, जिसने अपने आपको स है
यक यक नहीं है क औ ज ज तो तो स स सकत सकत कि कि है है है नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं தாத்பர்ய இல்லை இல்லை, சன்னியாசி இல்லை உதர் சகதா. यदि वह सही चुक चुक चुक चुक, छोड़ छोड़ है, स में है है है सन है यदि यदि वह तो तो वह वह की में में में य ஒரு பாவனா ஹோ, ஒரு த்ரித நிச்சய ஹோ- சமர்ப்பண கா.
यहां तीनों चीजें आवश्यक हैं. ஒரு பஹலா சாட்சிபாவ- ஜஹாம் நீங்கள் அபனே பரிவார் கோ சாட்சிபாவ சே தேகதே ஹுட்.கே. पण- पण गुरू क्या कर रहा है? இசகி தும்ஹேம் கனித் கரனே கி ஜரூரத் நஹீம் ஹாய், குரு க்யா கஹ ரஹா ஹாய். तीस, तीस तीस ति इसी में इस से उस जगह पहुँच है जो जो पू ति की जगह है जो अपने अपने अपने आप आप की की की की की की की
प्रश्नः क्या ध्यान में जप करने से जल्दी सफलता மற்றும் सित्ति मिलती?
जब आप ध्यान में पहँच गயே, तब जप हो ही नहीं सकता, फिर कैंची ने. त आप आँख बंद औ आप की की जपेंगे जपेंगे चिन चिन चिन तो तो में है है म म में हैं हैं हैं फि फि हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ . லக்ஷ்மி கஹான் சே ஆ கை? फिर मंत्र-जप कहाँ से गया? ध्यान जहां है वहाँ पर मंत्र जप की आव्श्यकता नही. த்யான் ஜஹான் இல்லை என்று கூறுகிறார்கள்.
योंकि तो तो ही छोड़ औ से बढ़क बढ़क जिस को श क लिय वह ँ ँ वह वह धन धि, धि, क, भुवनेश, धन, धन, यश च में ही ही प वह उस स पू पू स स कह कह पू पू पू पू स स स स பி. ஜனக் அபனே நீங்கள் பூர்ண ராஜா தே, உனகி சைக்கடோன் ராணியாம் தி, பரந்து உசகே பா. कृष हज र के के होते हुये भी पू ब थे थे वे ब को ज की क இசலியே பத்னி ஹோனா யா ப்ரேமிகா ஹோனா அல்லது அதாவா பதி ஹோனா இந்த பதோங் காஸ். இசலியே த்யான் நான் மாலா, மந்திரம்-ஜப் கி அவசியம் த்யான் மற்றும் பாஹரி கிரியாகலாப் தோனோம் அலக்-அலக தத்ய உள்ளது.
प्रश्नः मन में कामुक and बुरे विचार उतते रहते हैं, इनको दबाने है?
நான் காமுக் மற்றும் புரே விசார் இசலியே உத் ரஹே ஹேன், கியோங்கி ஆபனே சுயமாக இருந்தது. நீங்கள் இதைப் பற்றி அறியவில்லையா? உஜ்வலதம் ஹீரா கோயலே கி கதான் சே ஹீ நிகலதா ஹே. जह कोयल पैद होत है, वहीं ही पैद होत है, एक ही प एक ख में में में उसे पहच की क होनी ब ब है है, आप कोयल चुनते यह तो इच की की ब त मन में में में मन मन मन मन मन मन में में में में में में में में में में में में में में में में में में में में में में में में में में में में में में में मन मन मन मन मन मन मन ஜ்யாதா உபர் கர் சமனே ஐயேங்கே. गेंद को प जितन म म उतनी ही ज औ जितनी ज दबेगी दबेगी ही ज उछलेगी विच विच की की नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं
யதி நீங்கள் காமுக விசாரணையில் உள்ளது. हैं हैं हैं तो नदी आप अपने आपको आपको आक में में हव सीखिये सीखिये सीखिये हव ण ज வாஸந்தி ஹவா சே ப்ரீத் ஹோனே லகேகி, ஆபகோ டிமதிமாதே ஹுயே தாரோங் மென் மேலும் அஜி.
इसलिये इन कामुक और बुरे विचारों को दबाने की आवश्यकता नहीं है, इनको रूपान्तरित करने की आवश्यकता है— और रूपान्तरित करने के लिए संगीत आपका सहारा बन सकता है, चित्रकारी आपका सहारा बन सकती है, गायन आपका सहारा बन सकता है, प्रकृति आपका सहारा बन சகதி है—மற்றும் சபஸே ஜாதா நீங்கள் जब आप पने आप से प्रेम करने लगेंगे, फिर आपको दुसरों से प्रेम करने की. जब आप अपने आपके प होंगे होंगे आपको के प होने होने की ही ही नहीं नहीं இசலியே இந்த விசாரங்கள் கோ தபானே தேவை இல்லை, இல்லை ब भेद भेद है है है भेद भेद है औ औ ब भेदों भेदों को
பதில்
पिछले हज में में ऐस मंत य य ऐसी विधि बनी है है है जल से से दी लग लग ऊप மற்றும் லக்ஷ்மி கா மந்திரம் ஜப் கர் ரஹா ஹூன்– யஹ் ஊபரி தலச்சட் காசிந்தன். बलव होन च हूँ, मैं त होन हूँ मैं को क हूँ इसलिये मैं मंत क ह हूँ हूँ यह यह यह यह यह यह यह यह यह यह यह यह हूँ
ी आप प प की की अदम है वह वह वह लोभ ध के लिये की आवश है ही, मंत जप से संभव नहीं है है है ध के लिये तो अपने आपको आपको भुल ஜிசனே அபனே ஆபகோ புலா தியா, உசனே தியான் கி ஓர் பஹலி பார் கடம் பத்தா தியா. सजग रह कर अपने डोनों होदों को सद्गरू कहादो है அபனே நீங்கள் உனக்கே சரணங்கள் மற்றும் சமர்பித் கர் தேனே கி க்ரியா கோ தியான் கீ துசரி சி. அபனே அபகோ மிட்டா கர் உனமென் பூர்ணரூப் செ லீன் ஹோனே கி க்ரியா கோ தீசரி சீடஹே. உனகே சுக மற்றும் துர்க நான் ஹீ அபனா சப் குச் சமஜனே கி க்ரியா கோ தியான் கி சௌதிஹைத். औ इसके लिये मंत जप है नहीं, इसके लिये कोई म ही नहीं नहीं इसके किसी भी के के क की ही ही
र यम यम नहीं से पंडित पंडित दे सकते सकते हैं हैं यह छल है है प प है है जह विच है, वह ध नहीं हो छ प की है ध सकत नहीं नहीं हो हो नहीं।।। जो सब कुछ छोड़ देता है, वह सब कुछ प्राप्त कर सकता है. टुकड़ों में में से सब कुछ नहीं नहीं हो, क हम कंकड तो क हैं हैं मग मूल ूप से जो कुछ क क है है है है उसको हैं हैं ज हम पत को च हैं हैं हम पुत को क हैं हैं, तो इस में कंकड ही हम हम इकट ठे ठे ठे हते इकट पत, पत, पत, दो, प, बीस, प ूपये ूपये ये ये ये सब कुछ कुछ है यहीं प प தோ ஆபகி அர்த்தீ அகேலி ஹி ஜாயேகி.
वह धन जो है, जिसको आन कह है, वह इन चीजों नहीं प सकत सकत इन छोड़ने प ही आनन ति हो सकती सकती सकती सकती ஜிசனே அகண்ட் பிராப்த் கர் லியா, உசகே சமனே அசே த்யேய தோ கன்கட் பத்ரகி தருஹம். ठोक ஆம். மேலும் நீங்கள் நாராயண பனேங்கே श र र इसलिये ऐसी भी विधि म भूलक भी ध की बढ़ने की की कोशिश मत मत वह वह वह समय क क
प्रश्नः धारणा क्या?
ध्यान से आगे की जो स्तिति है, वह धारना है. क गूरू तमें तक तुम शिष हो पकड़क हे हो की प पहुँच क हें छोड़ छोड़ देत उसे मैं अब है है है है है मैं मैं मैं उसे उसे उसे देत देत देत क क क क क உசகோ நான் சூரிய பனானே கி அல்லது பிரவர்த் கர் ரஹா ஹூம். अभी तक तो यह थ, मग अब इसमें क आ गई कि कि, जो कुछ दिय है खो नहीं नहीं इसके इसके में जम है है ध्यान की जिस अवस्था में वह पहँचा है, उस अवस्था से वापस नहीं आयेगा. संस में में भी, तो तो में में ही, एक व के के यह बस बाहरी क्रियाकलाप इसलिये है कि वह संसार में है, वह परिवार में है.
मगर अन्तः sthal में वह ध्यान की अतल गहरायों में है, दारना में है. பூர்ணதா அதே போல் உள்ளது, இப்போது இல்லை. अब मोह इसको इसको नहीं हो सकती, अब यह मुझसे नहीं नहीं हो अब इसके हटने की क नहीं जब उसमें भ आ जब वह धारणा शक्ति में खड़ा हो जाता है, उसके पांव में मजबूती आ जाती है, तब वह आगे की स्थिति प्राप्त कर लेता है— और जहाँ आगे की स्थिति प्राप्त होती है, वहां स्थिरता आने लग जाती है, जब हृदय में धारणा शक्ति प्रारम्भ ஹோ ஜாதி உள்ளது
இது அவஸ்தையாக இருந்தாலும் சரி நீங்கள் பேசவில்லை. ब ब द आनन को चख शक शक के की क, वह ध अपने आगे उसको फि गु की ज क आगे आगे वह वह वह वह वह वह वह वह वह वह वह वह वह வஹ ஸ்வயம் அபனே நீங்கள் ரூபன்தரித் ஹோ ஜாதா ஹாய்— இதைப் பற்றி நான் கூறுவேன். न से से आधी दू क है औ प होत होत हुआ हुआ में पहुँचते ही
'प हंस आप में योगेश्वर हैं— राधा से प्रेम करता हुआ भी वह अपने आपमें ब्रह्मचारी है— हजारों रानियों का पति होते हुए भी वह अखण्ड ब्रह्मचारी है- और महाभारत का युद्ध करते हुये भी वह अपने आप में जगद्गुरू है- 'कृष्णं वंदे जगद्गुरू' यह स्थिति தாரணா சக்தியின் மாத்யம் சே ஹீ ஸம்பவ ஹாய். धारणा शक्ति तक पहुँचने के लिये कुछ प्रयत्न करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन ध्यान तक पहुँचने के लिये तो सद्गुरू की जरूरत है और ध्यान के आगे धारणा तक पहुँचने के लिये सद्गुरू नहीं है, क्योंकि वहां तो अकेले ही यात्र करनी है, क्योंकि वहां से क क उस जगह खडे हो जायेगा- ஜிஸே பரமஹம்ஸ் அவஸ்தா கஹா கயா உள்ளது.
प्रश्नः pal-pal, चौबीसों गंटे सजग कैसे रहा जा सकता?
घंटे हने के लिये किसी क की आवश नहीं, तुम स से है है सजग तो तुम अन अन अन। जो जो जो जो जो। गु को को को लिय तो तो वह आप में सजग है ही ही वह नहीं है है क वह गु अवस अवस अवस अवस अवस अवस अवस अवस अवस अवस अवस अवस अवस अवस अवस अवस अवस अवस अवस अवस अवस अवस अवस अवस अवस अवस है है है है अवस है है है जब है है तो जितनी भी हृदय तो सद सद की ही धड़कन होगी द के हृदय ही ही ही ही ही ही ही தாடகனுடன் சேர்ந்து
स स पड़त पड़त , सजगत तुम में हृदय - जब जब वह धड़केग धड़केग औ औ गु ज है, अतः वह अपने आप ज ही பல்-பல் தும்ஹேம் உஸ் ராஸ்தே பர பதாயேகா ஹீ. ஆவஷ்யகதா கேவல் இது போன்றது யஹ் சஜகதா ஜீவன் ஒரு மஹத்வபூர்ண உபலப்தி உள்ளது.
प्रश्नः क्या धर्म क्या मध्यम से ध्यान व धारना संभव है?
தர்மம் ஹமாரி சீஸ் இல்லை, ஹமனே தர்ம கோ ஸ்வீகார் இல்லை म म हिन थे बन गय यदि मैं के जन लेत लेत तो आटोमेटिकली मुसलम बन बन अ है मैंने मैंने सोच सोच सोच நீங்கள் ஜின் மான்-பாப் கேர் மென் ஜென்ம லியா மற்றும் வெ ஜோ தே,
है है है है है उसके उसके से ध त नहीं हो ा है है है है है है है है है है है है श त त हो, तब तब न हिन, जब मुसलम होगे तो तो तुम நான் ஹிந்து ஹூன், இசலியே முதல் மந்திர் சமனே ஜூகனா சாஹியே. நான் முசல்மான் ஹூன் இசலியே முஜே மஸ்ஜித் கே சமனே ஜூகனா சாஹியே. यह 'हूं अहंक अहंक क है है, अहंक तुम में है है है तुम है है है-' ध स स ध ध जो ध क सकत सकत, वह ध कैसे बन है, ध तो बहुत आगे की है स स तल प इसलीय धर्म की मध्यम से ध्यान की अवस्था प्रापत नहीं हो सकती. इसलिये ध्यान के लिये- न हिन्दू है, न Musalman है, न इसी है, न सिखै. न निराकार है, न सकार है, न सगुन है, न निरगुन है. न डेवता है, न दानव है, न राक्षस है. न भाई है, न बहन है, न समबन्दी है, निर्शेदार है.
कुछ भी नहीं है, इसलिये धर्म के माध्यम से तुम ध्यान प्राप्त नहीं कर सकते, धर्म के माध्यम से धारणा भी संभव नहीं है, यह तो केवल बाह्य शरीर की अवस्था है— और शरीर की अवस्था से शांति और ध्यान को प्राप्त नहीं किया जा सकता .
कई कई कई की औ की की अलग हैं हैं हैं आपकी पद धति अलग है क क वे वे सभी गलत गलत गलत गलत गलत गलत गलत
மேரி ராய் மென் கோயி பத்ததி கலாத் இல்லை. वह ति है, यदि यदि ज है है, यदि वह शब से ही आपको क है है है तो गलत है है धति तिब की की विधि चित अवस की है उन उन पद की पद पद पद पद पद पद पद हटक
इसलिये मैं यह नहीं कहता- कै विधि गलत है. तो सही सही सही हैं नहीं नहीं उस को योगी को को नहीं है तो वह जो कुछ देत देत गलत गलत गलत देत देत देत देत देत है है है चुन चुन प प चले ही சாது யா சந்த நஹீம் பன் சகதா.
ब स स जब वह है ही नहीं, विच आप आप में में में तो फिर वह बता ही नहीं सकता- 'தியான் க்யா சீஜ் ஹாய்?' दों दों यम सकत औ शब से तो कोई भी किसी को धोख दे है है है दे दे — சப்த அபனே நீங்கள் இல்லை த்யான் இல்லை.
நான் கிஸி பி விதி கோ கலாத் நஹீம் கஹதா ஹூம். उन उन स स स, च वे हैं, च योगी हैं हिम हने व हैं, च हने श प प प प प प प प प प व व व व நீங்கள் கேட்கிறீர்கள், நீங்கள் என்ன சொல்கிறீர்கள்? औ अन य अन है तो वे सौ विधिय हैं ज प इस इस इस नहीं नहीं नहीं इस इस इस इस इस इस इस इस इस नहीं ज ज ज ज ज ज . தேகனா யஹ் ஹாய்- உஸ் வ்யக்தியின் பாஸ் காலி சப்தோங் கி லஃப்ராஃபஜி ஹாய். தேகனா யாஹாய், கி க்யா வஹ் ராஸ்தே பர் சலா ஹுயா ஹாய் யா கேவல் பிரமித் கர ராஹே. इसलिये मुझे किसी वि वि नहीं नहीं, मुझे मुझे केवल अहंक से है है उसकी से वि है, लफ लफ वि है वह वह जो क क मित ह
प्रश्नः समाधि क्या?
जब ध्यान के बाद व्यक्ति धारणा शक्ति में पहुँच जाता है, तब गुरू अपने आप में निश्चिन्त हो जाता है- अब यह अपने रास्ते पर निरन्तर गतिशील होगा ही, क्योंकि बाहरी संसार की कोई विषय वासना, कोई भावना इनको गंदा नहीं कर सकती, इसको मैला क क सकती नहीं सकती स है है मग है है सजग कि कि वह किस किस गतिशील नहीं नहीं, तो तो फि पीछे की ओ, गति तो है ही च ओ हो हो य य पीछे ओ ओ
वह आगे की ओ हुआ व लौटक एक सी में आ है ड ड है उस गु ू ू है इसलिये है है है— औ उसको की बढ़ देत देत— ज वह वह हटत है है है उसको धक ध யத்யபி ஏஸே க்ஷண பஹுத் கம் ஹோதே ஹேன், மகர் ஃபிர் பீ ஏகாத் பார் அஸ்க ஹ.
गु गु बहुत होती कठिन है है उस भी उसके मन में एक ही हती हती कहीं वह नहीं बन ज उस उस उस ஓர் ஒரு கதரனாக் ढलान है. . बढ़ेग बढ़ेग बढ़ेग औ औ जब मजबूत है है है तो निशि हो वह ज சமாதி கா மதலப் है- அபனே ஆபகோ பூர்ண ரூப் சே விஸ்மரித் கர் தேனா. சமாதியின் பாஞ்ச் அர்த்தம்-
சமாதி கா அர்த்தம் है- அபனே ஆபகோ பூர்ணதா தக் பஹுஞ்சா தேனா.
சமாதி அல்லது அர்த்தம்:
சமாதி என்றால் என்ன - சமஸ்த பிரம்மாண்டத்தில் உடல் விசாரணை கர்னா.
சமாதி का है- சமஸ்த பிரம்மாண்டம் கோ அபனி ஆன்கோம் சே டெக்னா.
சமாதியின் அர்த்தம் - உஸ் பிரம்மாண்டம்
ऐस ऐस ज சமனே கோயி மாயனே நஹீம் ரக்தே. दस स भी भी उसके उतने ही होते, जितन जितन एक सैकण य मिनट है है है है होत होत है, नि है निश होत है
यह ब है यदि कि जन क प है है जन लेन अवत होन दोनों अलग अलग अलग अलग अलग चीजे कृष ने जन नहीं लिय अवत हुये लग को कृष से उत हुआ हुआ हुआ ऐस ऐस வேதவியாஸ் நே கஹா- நவென் மஹீனே தக் பீ தேவகி கோ யஹ் அஹஸாஸ் ஹி இல்லை ஹுவா கி, வ்வத் अच आँख आँख है दिख है है औ व हो हो तनों दूध दूध दूध दूध ज ज दूध दूध दूध दूध दूध दूध दूध दूध दूध दूध दूध दूध दूध दूध दूध दूध दूध है अवत अवत िय औ उस क लिए वह विस में गई गई சமாஜ் நே உசகோ ஜென்ம கஹா பர் யோகியோம் நே உசகோ அவதரன் கஹா.
சமாதி அவஸ்தா தக் பஹுஞ்சா ஹுயா நபர் ஜென்ம நஹீம் லேதா. वह चाहे तो अवतरित हो सकता है. उसक चेह अपने आप में हो ज है, वह अपने में आनन को क लेत है है, जिसे वेदों ने
பூர்ணமதঃ பூர்ணமிதம் பூர்ணாத் பூர்ணদமுச்யதே பூர்ணஸ்ய பூர்ணவௌரமாத் ।
उस पूर्ण में यदि पूर्ण मिला दें, तब भी पूर्ण रहेगा और निकाल दें तब भी पूर्ण ही रहेगा, क्योंकि ब्रह्माण्ड पूर्ण है, यह पृथ्वी पूर्ण है, मनुष्य पूर्ण है— और वही मनुष्य यह यात्र पूर्ण करता हुआ उस समाधि अवस्था तक पहुँचा जाता है - बूंद अपने आप समुद ज है है बूंद समुद बन ज क को ध
तव ति च क हो क हो हो हो वह वह च च च च ही ही ही ही ही वह वह वह हो हो हो हो क य य हो हो में में कोई व मिले इस गतिशील हो हो उसकी उसकी उसकी कठिन कठिन है है है हंसत हंसत है है है औ ब भी अपने आप अलग हत है है अपने अन स खत
लोग क कह कह सकते हैं लोग हैं हैं हैं, उसको ग दे हैं हैं कह सकते हैं उनके उनके मन में औ है है इस होत व अपने உன டோ-சார் ஹீரோ கோ ஷாடனே பார்-பார் உசகோ மாயா கா ஆவரண டலனா. यों त ही — यह भी चिन्तित है, फर इमें महापुरूष जैसे कौन-कौन हैं? इसका उत्तर मैं इस लेख में पहले भी दे चुका हूं-
जिसके पास बैठने से ही आनन्द, आक सुख की अनुवूती है।
जिसके पास बैठने से ही आक तृप्ति सी भूभव हैटी.
जिसके पास बैठने से ही பூர்ணதா அனுபவ ஹோதி है.
जिसके चले जाने से खालीपन का अहसास है,
जैसे सब कुछ तो है, लेकिन सब कुछ खत हो हो, यह घ है, आश है वही वही है भोजन भोजन वही है है है द द आनन अनुभूति नहीं नहीं नहीं नहीं शरीर तो वैसे का वैसा है मगर उसमें स्पन्न्दन है.
दन हैं उस औ पू ति ति ति को को आप आप को हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं ति को को आप சர்வோச்ச நிதி ஹை, யதி வஹ ஆபகோ அபனே பாஸ் கீஞ்ச் லே.
यह हजारों-हजारों जन्मों के पुण्य की प्रतीति है कि वह आपकी उंगली पकड़ कर उस रास्ते पर गतिशील करे- जो रास्ता मनुष्यता से समाधि अवस्था का है, जो रास्ता बूंद से समुद्र बनने की प्रक्रिया है, जो रास्ता जमीन से गौरी-शंकर पर्वत के शिख तक पहुँचने की है जब आप गौ के शिख प पहुँच खड़े सकेंगे सकेंगे सकेंगे सकेंगे श ठतम क, पू े की की आँखे आँखे आँखे आँखे आँखे आप आप आप आप आप
मे இதயத்தில் நீங்கள் நிறுவியுள்ளோம். நான் ஏசா ஹீ ஆபகோ ஆசீர்வாதம் தேதா ஹூம்.
பரம் பூஜ்ய சத்குருதேவ்
கைலாஷ் ஸ்ரீமாலி ஜி
பெறுவது கட்டாயமாகும் குரு தீட்சை எந்தவொரு சாதனத்தையும் செய்வதற்கு முன் அல்லது வேறு எந்த தீக்ஷத்தையும் எடுப்பதற்கு முன் மதிப்பிற்குரிய குருதேவிடமிருந்து. தயவு செய்து தொடர்பு கொள்ளவும் கைலாஷ் சித்தாஷ்ரம், ஜோத்பூர் மூலம் மின்னஞ்சல் , , Whatsapp, தொலைபேசி or கோரிக்கை சமர்ப்பிக்கவும் புனித-ஆற்றல் மற்றும் மந்திரம்-புனிதப்படுத்தப்பட்ட சாதனா பொருள் மற்றும் கூடுதல் வழிகாட்டுதல்களைப் பெற,
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