ஓஜஸ்வி பிரவசன்-
யஜ்ஜோগ்ரதோ ধூரமுদிதி தேவভம் தது ஸுப்ரஸ்ய தைவைதி । दूरगमं जोतिषां जोत्रेकं तन्मे मनः शिवसंकल्पमस्तु।
দூரச்ছ கமானாய ப்ரதிப்ராணாயக்ஷயே । அஸ்மா அஶ்ருஷ்வன்னஶா காமேனா ஜனயத்ஸ்வ ।
அவர் பரமேஸ்வர ஸ்வரூப சத்குரு! य शक சங்கல்ப சே யுக்த ஹோ ஜாயே.
ब औ के इन से क प हुये अपने औ जगत के कल की ही इच
न है कि शिष दोष, यदि शिष क की क त से प क क क क य होत होत होत होत होत होत சிஷ்ய கோ க்யா தோஷ லக்தா மற்றும் உசகா பரிமாரஜனை எப்படி? एक ही के पहलू औ है कि की स में कौन स स ज श है औ कैसे कैसे? यह द्वैत and अद्वैत की स्तित् वैदिक काल से है, வைதிகக் காலத்திலும் அத்வைதமானவை.
தவ ஸோ பவদந யஜோவஸே வঃ ஸதம் தஹ வைதோ ஸதம் ॥
हम हम कुछ देखते एक औ कुछ हम लोग है वह अलग अलग अलग अलग है तो यह अद औ औ दोनों अलग अलग नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं होत औ है, आगे आगे कुछ लोग है कि संस में द हैं, क म अलग है है है अलग चीज है है कोई चीज में में है ही जो कुछ है संस जिस संस के हम भी एक हैं, एक, एक थ हैं, हम आप कोई नवीन वस पत पद पद एक है एक है जैसे हव है है से हम भी थ மற்றும் ஜப் உபநிஷதகாரர் அல்லது வைதிகக்காரர்
'அஹம் ப்ரஹ்மஸ்மி த்விதியோ நாஸ்தி'
நான் ப்ரஹ்ம் ஹூன் மற்றும் சத்-சத் ஒரு பாத் மற்றும் காஹ் ரஹா ஹாய், த்விதியும் கூட. म पत पत औ ब हूँ पुत क है औ औ औ ह ह औ औ -விலாஸ் நீங்கள் எப்படி இருக்கிறீர்கள்?
क्योंकि शास्त्र तो झूठ है नहीं, और शास्त्र में यह कहा है, 'अहं ब्रह्मास्मि', क्योंकि संसार में केवल मैं हूँ 'अहं' और अहं शब्द बना है पूरी संस्कृत की वर्णमाला का सारगर्भित स्वरूप, क्योंकि वर्णमाला का प्रथम अक्षर 'अ' से शुरू होता है மற்றும் आंतिम अक्षर 'ह' है. अआ इ इ से शरू करते हैं ग घ और यर लव श स श ह. अ लग ह ह तक हैं हैं बीच में जितने आते आते, पशु, कीट, कीट, आदमी, वे सब कुछ
उसने कह कह अहं के लिये नहीं वह कुछ ही हूँ औ ने ने भी में गीत गीत यही अहं ब ब ब ब ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ' औ ध जो कुछ भी समझ सकते हो, वह मैं स्वयं ही हूँ।
ह ह दो उन लोगों की विचारधारा है जो द्वैत मनते है. वैत व व चिन चिन है विच है र को को भी भी कुल ट क सकते क सकते सकते सकते सकते हैं हैं क सकते सकते सकते सकते सकते नैग नैग नैग नैग नैग नैग , वह है ஹி இல்லை. द को व व है औ वे कहते कहते है अहं तो हूँ इसको हम मन क मग मे मे जो मेरे उपर बभाव दाल सकती है तो दुसरी कै चीजूर है. वह यह नहीं कि कि पीपल के नहीं हो हो भी हैं औ तुम यह भी म लेते औ तुम हो हो यह यह लेते मग तुम मग मग ज पड़त, क, क, प, प
मतलब ये चीजें जो प है औ दूस ड सकती योंकि योंकि क तुम हो हो तो तो तो तो तो तो . लोग हे हे है चीज तब है है है है चीज है है औ वे वे वे वे वे वे वे वे अलग अलग अलग की की कोई भी चिंतन चिंतन तभी आगे बढ़ सकत बढ़ बढ़ बढ़ बढ़ बढ़
क, जो क गये हैं हैं प औ उस पुस में एक के दो अलग अलग अ अ एक है है नहीं इस क अ है, दूस वकील कहत है यह है, ल एक ही है, दोनों के क नून नून नहीं है है दोनों दोनों दोनों अ अ अ उसी द अद वस है औ इस के के उन लोगों लोगों लोगों ने दो दो ने ने ने ने ने
ப்ரஷ்ண யஹி நஹீம் ஸமாப்த ஹோதா ஹாய். यहां तो मैंने तुम्हें यह समझाया है कि द्वैत का अर्थ क्या है, अद्वैत का अर्थ क्या है और विद्वानों ने द्वैत क्यों कहा और विद्वानों ने अद्वैत क्यों कहा और प्रारम्भ से लगाकर आज तक अद्वैत को भी मानने वाले सैकड़ों ऋषि, संन्यासी, विद्वान हुये और த்வைத் கோ மானனே வாலே பீ சைகடோம் நோய், சன்னியாசி, வித்வான் ஹுயே.
அபி ப்ரஷ்ணன் அது என்ன? इसक जिनको कि देवता ही नहीं महादेव कहा गया है और उन्होने जो कुछ व्याख्याये की, जो कुछ चिंतन किया, जो कुछ तर्क दिया, जो कुछ बात कही, वह अपने आप में अत्यन्त सारगर्भित और महत्वपूर्ण है और जहां गुरू और शिष्य प्रसंग आया वहां पर शंकराचार्य ने पष्ट रूप से का-
பூர்ண சதை பூர்ண மதெய்வ ரூபம்
शिष से से अलग नहीं नहीं औ नही नही है है है है एक अलग अलग है है है है है कि जीवन में अद वैत वैत अपने अपने अपने केवल अद केवल अद के के अंत ह स की है औ द द म ने ने आप सही ढंग से से से से त होंने यह म अलग है इस को अधिकत ने किय यह कहे कहे कहे कहे कहे कहे कहे कहे कहे कहे कहे कहे कहे कहे कहे कहे कहे कहे 60 तिशत ब ब कह अलग अलग अलग है ब भी भी भी भी भी $ भह ब्रह्म जबशीर में स्तित है तो वह शरीर उस मया से वाद्या. सुख सुख म अनुभव नही मै हूँ मैं जो ी श ग मी मैं मैं मैं मैं मैं मैं मैं मैं मैं मैं मैं मैं सुख सुख सुख सुख सुख सुख सुख है மற்றும் நிர்விகாரம் உங்களுக்கு உதவவில்லை
இசலியே குரு மற்றும் சிஷ்ய பீ அபனே நீங்கள் த்வைத் ஹாய். சிஷ்ய கி மர்யாதா ஹே, குரு கி மர்யாதா ஹே. गु तत तत बोध है भी तत बोध य कह ज क एक एक अंश बोध बोध बोध ू अपने उसक उसक उसक एक, एक कण एक चिंतन शिष है मग अपनी क यम से चिंतन अपने विच विच विच विच विच विच विच विच विच विच विच विच विच विच विच विच विच विच विच विच विच विच विच विच மற்றும் லீன் ஹோக்கர்
क य की अपनी एक है, क जीवन क जो शिष मे है है मे नहीं है जो जो शिष क सकत है नही नही क क குரு ஒரு மர்யாதா நான் பந்தா ஹுவா உள்ளது. म ब गु नही ज के दोनों खुले हैं उसको उसको चलने क क क ू है है गय खड़ हो गय उस ब पू आत क क व स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स नहीं नहीं ब बन वह आने प भी दुःखी नहीं से है है आने खिलखिल है है एकदम से उछलत नही नही है है सहज सहज है है भ भ भ सहज सहज सहज सहज सहज सहज கோ ஹலவா மித்தாய் மில் கை தோ பீ தீக் ஹை, சூகே டுகடே மில் கயே தோ. அகர் அஸா சிந்தனை உசகே மனஸ் மற்றும் சஹஜ் ரூப் நான் உங்களுக்கு சொல்கிறேன்.
ू लिमिटेशन लिमिटेशन है यम से बढ़त तक पहुँच गु किसी है क क क क क है 36 विक में, क, मोह, लोभ, स, ऐश, ऐश, चिंतन, निद, झूठ, छल, कपट, व, ममत, नेह, नेह, नेह, ष, ह, ह ye சப் சஞ்சாரி பாவம் மற்றும் சஞ்சாரி பாவம் உள்ளது சஞ்சார் கா மதலப் ஹாய் கதிஷீல், எக் ஹி भாவ ஸ்திரம் இல்லை ரஹதா. जिनमें ही भ नहीं उनको कहते औ एक भ से ज है उनको गु कहते है अपने आप में में वैत वैत अद है है है
சிஷ்ய அபனே நீங்கள் த்வைத் शिष्य धीरे-धीरे अद्वैत की स्टेज में आ सकता है, वह पहुँच सकता है अपने आप में गुरू को स्थापित करके और अपने आपमें गुरू को स्थापन करने की क्रिया का प्रारम्भ होता है उसकी प्रारम्भिक स्थिति जो है दीक्षा और अंतिम स्थिति बनती है तब जब वह பூர்ண உருவம் भह अगर ram आज गुरूदेव ने दनुष बान है ले लिया है, क्या बात है! जब जब जब चिंतनों है है तो तो है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है
துளசி மஸ்தக் பத்மம் மை தனுஷ் பாண லியௌ ஹாத்
मैं प मग मुझे कुछ अनुभूत होती होती होती तक नमस सकत हूँ जब जब तक तुम धनुष ब में में हुये को पहच नही ह उसको अटपट लग ह कि ये ये ऐसे ऐसे? स स भी उसको क दिख है तो तो बड़े में है पहने हुये है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है गु गु देत है कि कितने से आज मुस औ औ उसको गुल के के पुष में.
यह दिखई देने की क्रिया बनती है जब धीरे-धीरे शिश्य गुरू ोकी நான் கஹா, ஆரம்பம் உசகா தீக்ஷை செய்தேன். दीक मतलब मतलब धी नजदीक औ क मतलब नजदीक नजदीक की प है है बिल एक एक हो नजदीक பாஞ்ச், தீன், ஒரு இஞ்ச் ஃபிர் ஆதா இஞ்ச் மற்றும் சிஷ்ய கா மதலப் ஹை நிகட், நிகட், நிகட். य य िय है बनने है की तब है जब जब वह गु बनत है शिष वह वह वह वह वह वह वह वह वह वह वह वह वह वह वह தீன் இஞ்ச் கா ஹோ சகதா ஹாய். டிஃபரன்ஸ் பாஞ்ச் ஃபுட் அல்லது தீன் இன்ச் உங்களுக்கு எப்படி இருக்கிறது? ज भ வஹ உதாஸ் ஹாய், பரேஷான் ஹாய், யஹ் அஸா ஹோ ஹோ கயா வஹ ஏசா ஹோ ஹோ கயா, வஹஂ வஹ தோ घண்டே ஜோ சிந்தன் கியா, வஹ தோ ঘண்டே ஜோ குரோமய் ஹோனா தா, வ. गु चिंतन चिंतन होन उस में फि ब की मील ज तो मैं ऐस एक एक घंटे ंच हज मील मील हज हज ஆதா ঘண்டா ஃபிர் உசமென் சலா கயா மற்றும் ஃபிர் சோசா கி ஷாதி ஹுயி இல்லை. யே சஞ்சாரி பவ உசகோ கெரே ரக்தே ஹேன். घणे दो दिन में 24 ही हि हैं चैं चौबीस घंटे में 12 மணி நேரங்கள் इसक स स में से तुम व गये गये गये उतने 16 स ही इसीलिये जिन बीतने प औ शिष के में जो फीट की है है वह वह वह हती इसलिये जहां उसने प्रश्न किया है कि जहां शिष्य गलती करे तो, और गलती वह तब ही करता है जब उसमें संचारी भाव जाग्रत होते हैं या उसके ऊपर संचारी भाव होते हैं और जब संचारी भाव हावी होते हैं, जितने संचारी भाव हावी होंगे उतना ही शिष्य होग
யதி ஆபனே தேகா ஹோகா தோ பூர்ண ஏகாகார் த்ரிவித் த்ரிவித் த்ரிவித் ப்ராதான்ஸ் வ்யக்தி ஹஸ். மஜனூம் கோ பூச்சா கயா கி துமனே குதா தேகா? ராஜா நே புலகர் பூச்சா தோ உசனே கஹா- பில்குல் தேகா, உமனே குதா நீங்கள் அறியலாமா? ठीक लैल की, ऐसी ऐसी है है न है, ऐस क, ऐस खुद कोई चिंतन नहीं नहीं नहीं लैल हो गय थ चिंतन चिंतन चिंतन चिंतन जब राजा जैसा आदमी पूछता है, तमने खुदा देखा? ह देख देख है स औ जो विव है है क ह आप आप ू शु शु शु शु में शु शु शु शु शु शु शु शु है है गुल है है आंखें हि हैं वह स केवड़, मोग स की लट औ खजू त आंखें फलद त होंठ होंठ होंठ वह सब पेड़ पंछी बन क क वह नारी शरीर कहां चला गया, वह उसके मानस में कुछ नहीं क्योंकि वह संचारी भाव जाग्रत हो गया और शिष्य में जब संचारी भाव होगा, जितना भाव है उतना गुरूत्व कम रहेगा इसलिये मैंने कहा कि पूरे जीवनभर भी वह पांच फुट की दूरी बनी रह सकती है மற்றும் आदि चाहे तो भी वह गरू करणों नहीं पहँच सकता. இசலியே கலாதி தப் ஹோதி உள்ளது. गु ने दी औ पू पू, प अब उसमे भ जोड़ोगे तो दू प से छह छह फीट फीट वह एक फीट ओ बढेंगी तुम बुद लग ने एक घंटे में आने आने हो तो ज कौन सी दे दे दे दे फ फ என்ன? லெட் கேஸ் ஐயே? குருஜி மார்க்கத்தில் காடி பஞ்சர் ஹோ காய், தோ பஹியா உதர் கயா தா, பஹியா गु हे हे है है हे यह नही कि अभी प फीट प थ थ अब अब यह यह यह यह यह यह यह यह यह वचनों वचनों वचनों अपने से बढ़ थी गु औ औ दो इंच इंच इंच इंच इंच इंच इंच अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने से உனகே நஜதீக் ஜானே நான் க்யா கர்னா ஹாய்.
गुरू तो केवल एक कर्त्तव्य है वह गुरू है, वह तुम्हारा पति नहीं, वह तुम्हारी पत्नी नहीं वह तुम्हारा भाई नहीं, वह तुम्हारा सम्बन्धी नहीं है वरन् वह तुम्हारा गुरू है और गुरू की तो केवल एक ही कल्पना है, वह शिष्य को अपने में समाहित கரே. पति हूँ हूँ मैं बनूंग तो पत से उस ढंग से ब गु हूँ जब जब अपने र ढंग ढंग र र लीन हो, में जह बनूंग औ जह है वह प केवल एक एक ध है है य य शिष को अपने अन अन ल ल वह अन्दर लाने का प्रत्यन करता है और शिष्य उन संचारी भावों से दूर जाने का प्रयत्न करता है या नजदीक आने का प्रयत्न करता है इसलिये शिष्य को सापेक्षी कहा गया है कि शिष्य प्रयत्न करे और गुरू की तरफ बढ़े और प्रयत्न पूर्वक उन संचारी भावों को आप हट औ फि में हो फि के चित औ में में लीन हो ज औ औ च च देखत आँख आँख आँख को अपने अपने अपने में में में लीन लीन लीन लीन लीन लीन लीन लीन लीन लीन लीन क क क क क क क क क क क क क क क क क $ कुछ ही ही देत है, पेड़ में भी गु को ही है, यह तुम य कि तुम च फीट की प
जितने जितने सकोगे में लीन सकोगे जितने अपने गु को क सकोगे जितन ही गु कोई भजन ग है तो क ग है वह अपने आप में है तो ही लीन दिख देत है गु गु गु ही ஏசி ஸ்டேஜ் ஆ சகதி மற்றும் ஏசி ஸ்டேஜ் ஆனா அவர் பிரம்மா கா சக்ஷத்கார். गुरूत्व को प्राप्त करना जीवन के टॉप पर पहुँचना है, जहाँ पर आम आदमी नही पहुँच सकता है लाखों में से एक व्यक्ति ही पहुँच सकता है, दो व्यक्ति पहुँच सकते है कहता हूँ तुम्हारे मेरे बीच में बहुत कम फासला रह गया है और मेरे पास बहुत கம் சமய ரஹ் கயா ஹே இசலியே ஹம் உஸ் ஃபேஸ்லே கோ கிதன ஜல்லி பார் கர் லென், யஹர் ஹம். ी होंगे ही नहीं आस पड़ोस ही ही तुम उन उन उन तुम तुम तुम तुम तुम होंगे होंगे होंगे होंगे होंगे होंगे होंगे होंगे होंगे होंगे तुम तुम तुम ही ही ही ही ही
किस य ेमी ेमिक ट मिलने मिलूंग ब मिलूंग सुनक प प प प प प प से निकली निकली निकली निकली प प सुनक सुनक सुनक सुनक सुनक தௌடதி ஹுயி ஜா ரஹி தீ, அகபர் நமாஜ் பதாஹ் ரஹா தா சாதர் கே உபர் பான்வ ரஹத். ராஜா பூரே பாரத வர்ஷ கா, பஹுத் குஸ்ஸா ஐயா, அது எப்படி இருக்கிறது? நான் खुदा की बादत कर रहा हूँ यह क्या कर रही है? खैर फर नमाज-इबदत अकबर करने लगा. வஹ் வாபஸ் பிரேமி சே மிலகர் ஜோ குச் பாதசீத் கரனி தீ, கர்கே ஐ. வாபஸ் ஐ, உஸ் சாதர் பர் பான்வ ரக்கனே சே பசாதே ஹு ஏ ஜானே லகி நீங்கள் அகோபர் இல்லை! நீங்கள் ஷர்ம் இல்லை ஆதி? நான் खदा की बादत कर रहा धा, तम् चादर पर पांव रखकर चली गी? லடகி நே கஹா- खुदा की बादत करेहे दे, देखें நீங்கள் எப்படி மாலூம் படா கி நான் கை? முஜே தும் திகை ஹீ நஹீம் தியே முஜே தோ ந சாதர் திகை தி மற்றும் ந ஆப். முழே தோ பிரேமி திகாயி தே ரஹா தா மற்றும் குச் திகாயி நஹீம் தே ரஹா தா. நீங்கள் அல்லா திகை தே ரஹே தே யா நான் திகை தே ரஹி தி யா சாதர்?
क वह वह प हो गई थी थी हो गई इसीलिये न उसको दिय न न च च आँख के के ज थ जब तुम हो तो न ग सुन देंगे देंगे गीत देंगे தம் குருமய பன் ஜாவோகே, யஹ சஞ்சாரி பவ திகை தேகா நஹீம் தப துமயோகுர. यह भ अपनी जगह चलोगे फि दो इंच क औ गु के औ मैं आशी देत हूँ कि गु। बन बन आप विश स के समीप खड़े है अनन है इस औ अनन ही हस छिपे है है इसकी अतल गह பஹுஞ்ச் நீங்கள் உங்களுக்குத் தெரியும்— மற்றும் அவர் பஹுஞ்சனா அவசியக்.
यक यक ஹோகா உசம். गूरू भी खुली बहों से सदा खडा रहता है. निमंत उसक क हत औ केवल एक की होती उसकी ब में सम लिये लिये से से होने के। உசகி ஓர் செ கோயி விலம்ப் நஹீம், வஹ் கபி நஹீம் கஹதா, நஹீம் ஆஜ் நஹீம்— கலா!
कहता भी है, तो पहल आपकी ओर से होती है. यह च है आप उसी उसी, उसी हें में सब क, स भुल बुद से एक एक हो कृष को को लें लें लें लें பரந்து ஆப தித்தக் ஜாதே. ऐसे निमंत निमंत आप आप भयभीत ज ज, संकोच क हैं, औ है व थ के आभूषणों आभूषणों, मोह, लोभ से चिपके हते — மற்றும் खेल है सब कुछ खो देने का. भ भ भ ज ज, वह
वह संसार चोडने को नहीं कह राहा, न ही परिवार त्याकने को हैमसे गरहरहा
சீஸ் உதாரே பூயி தரே, வோ பயசை கர் மாஹி
அபனே சீஸ் கோ, அபனி புத்தி கோ, அபனி
சமம்-பூஜ் கோ ஒரு தரஃப் ரக் தோ, க்யோங்கி இந்த யாத்திரையில் இது மிகவும் முக்கியமானது. जब तक इसक त्याग नहीं हैं हैं हैं हैं हैं हैं होगा, भह अपेक्षित रूपन्तरन नहीं हो पयोगागा
अन एक बीज बीज है है है है उसको उसको, उसको क है है तभी जीवन व आनन आनन स क भी आप में हेंगे हेंगे हेंगे अपनी औ कठिन के ब द सुन सम भी
சமஜானே செ யஹ் பாத் சமஜ் நஹீம் ஆ சகதி, பத்தனே செ குச் ப்ராப்ட் நஹீம் ஹோ சக்தா. ह अवश य हो गु व से एक क के लिये से ज हो ज औ ले ले ठीक कह है है ह ह தோபரா சோ மத ஜானா. வஹி க்ஷண மஹத்வபூர்ண உள்ளது, க்யோங்கி உசேன் நீங்கள் இந்த நடைமுறையை செயல்படுத்துகிறது. இந்த அறிவாற்றல் உள்ளது, தொழில்நுட்பம், மாத்திரம் இல்லை.
மற்றும் சத்குரு உங்களுக்கு மிகவும் பிடித்திருக்கிறது करना बस इतना है कि आप अपनी बुद्धि को आक तरह छोडे उसे बैं।
गूरू देने को तैयार है, एक्षन में हूबान्तरण घटित हो सकता. இசகே லியே வர்ஷோங் கா பரிஷ்ரம் நஹீம் சாஹியே. ஹான், பஹலே தோ ஆபகோ ஹி தையர் ஹோனா படேகா. गूरू तो अपनी अनुकंपा हर वक्त संप्रेशित करते ही रहते हैं, उसे ग्रहन करें. गंग तो विशुद जल सद ही हती है है श है आपको उठ क ज ही ही இது நடைமுறை கிரியை உள்ளது. बैठे-बैठे
अगर शिष्य या फिर एक इच्छुक व्यक्ति प्रयास करने के बाद भी बुद्धि से मुक्त नहीं हो पाता, तो गुरू उस पर प्रहार करता है और यही गुरू का कर्त्तव्य भी है, कि उस पर तीक्ष्ण से तीक्ष्ण प्रहार करे तब तक, जब तक कि उसके अहंकार का किला ढह न जाये कोंकी भतर कैद है है आत्मा and विष्द्ध प्रेम. जब ब ब प क प सूख हृदय में नई क आगमन आगमन तभी कठो आँखो की की की की की की की
गुरू के पास अनेकों तरीके है प्रहार करने के कठोर कार्य सौंप कर, परीक्षा लेकर, साधना कराकर— और जब ये सभी निष्फल होते दिखे तो विशेष दीक्षा देकर वह ऐसा कर सकता है, परन्तु पहले वह सभी प्रक्रियाओं को आजमा लेता है ताकि व्यक्ति तैयार हो ஜாயே, ப்ரஹாரோம் சே வஹ் இதன சக்ஷம் ஹோ ஜாயே கி விசேஷ தீக்ஷைக்கான சக்தி. कुछ बनो न बनो पर, उस आनन्द को प्रापत कर सको. तुम दिन दिन हो हो, मैं देखत हूँ उद म चेह चेह चेह मैं सुबह सुबह देखत हूँ तो सोचत हूँ ये सभी है मु कब से उठक हैं हैं? நான் அஃபஸோஸ் ஹோதா எப்படி இருக்கிறேனா? க்யோங்கி செஹரே அசே தப்பட காயே ஹுயே, முரஜாயே ஹுயே செஹரே, உதாஸ் ரஹ்யா? நீங்கள் உத்தமர் இல்லை! க்யோங்கி நீங்களும் உத்சா இல்லை यह नहीं, तो तुम नहीं हो औ जब बनोगे तो प एक अपू चेतन, ल मे की की, मैं भी हो गई वह खुद लालमय हो जाती है लालीयुक्त हो जाती है, उसका चेहरा लाल हो जाता है और मैं चाहता हूँ कि तुम्हारा प्रत्येक क्षण प्रफुल्लता पूर्ण हो, सफलता पूर्ण हो, ओज पूर्ण हो, जोश पूर्ण हो, उत्साह पूर्ण हो और गुरूपूर्ण हो, मैं ऐसा ஆசீர்வாதம் தேதா ஹூம்.
பரம் பூஜ்ய சத்குருதேவ்
கைலாஷ் ஸ்ரீமாலி ஜி
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