के हुई हुई खोज उसकी ही में व क हैं हैं उसे में में में में तो ह नहीं नहीं मिलती भी क लेते तो उठने के लिये कोई नहीं सूझती सूझती हमें कोई सही ग नहीं मिल क सत गहन गहन है है है कि आश क ही हैं हैं हैं हैं हैं ज हैं हैं, कि उसे में उत। फर हम अपने आपको दोखा देने है हम चर्चा करके मन को समजा लेतें.
च हम सदियों हते है इसकी क है है कि कुछ शब लें लें सिद सिद ज दों दों दों से ख बुद औ औ ख हृदय जितनी जितनी खत स स से जितनी जितनी जितनी जितनी जितनी जितनी से से से से से से से से से से से से से से से से से से से से ஹோதா. பாரத் புத்தி சே லகதா ஹாய் பர் கயா நான், ஜப் கி பீதர் சப் ரிக்த், கோர, து. புத்தி சே ஜிதனா லோக் பிரமித் ஹோதே ஹம், உடனே லாக் அஜ்ஞான ஸே ப்ரமித்.
विप जो की व की खोज भ से लग लग ज है है उस उस उस व व உங்களின் நபர் இல்லை. अध य को समझने लिये के अपने नींद है तो चेतन दूस दूस में में प क क लिये प में प प प प प प प प प प प संन इतन इतन है कोई अब को के भ को नहीं नहीं है है जीन जीन च है य य ा सभी च हैं हैं आनन में में पीड़ हैं हैं हैं इसलिये आनन कभी नहीं आनन की के लिये कीमत को
यह कभी नहीं हो सकता की व्यक्ति अपने नये ஜீவன் கோ பினா பீடா கே பா லே. यह नहीं हो हो इसक है है कि जो भी अब तक हैं उसे उसे पड़त है है, उसे मिट पड़त है उसे पड़त है नये के लिये जगह जगह जब ति ति जन औ को है तब वह दोह ा क को ा ा ा अपने अपने अपने को है மற்றும் समाप्त करता है उसी मात्रा मने जेवन का विर्भाव है.
யஹ் வித்யா ஜிஸமேம் ஹம் அபனே அபகோ மிடகர், சமாப்த் கர் நயா ஜென்ம லெதே. யோ கோயி சரல் கிரியா இல்லை. यह क्रिया निरन्तर अतक प्रयास करने पर भी सफल नहीं हो पाटी. இது இல்லை ஜென்ம க்ரியா அல்லது சம்பந்தமான காரணத்திற்காகவே அபனே குருவின் தேவை உள்ளது. जो हमें अपने ज्ञान व चेतना के माध्यम से नये जीवन के निर्माण में सहायता प्रदान करते है और हमारे रूपान्तरण की क्रिया में होने वाली पीड़ा को सहन करने की शक्ति प्रदान करते हैं, जिससे हमें शुद्ध जीवन की प्राप्ति हो और हम जीवन के सत्य को समझ சகேம். के य में ही क को भ हैं उनसे हमें सही सही, सही दिश हम जीवन அர்த்தம் உள்ளது
गूरू से सीखना नहीं पड़ता, गुरू के सात होना कफी है. प स है स होन थोड़ मुश सीखने में तो खड़े होक भी सीख लेते हैं निकट आने की कोई स निकटत निकटत निकटत गुरू आपके जीवन को रूपान्तरन कर सकते हैं.
जब व्यक्ति अपने आपको पूर्ण रूप से गुरू को समर्पित कर देता है जब उसमें गुरू के प्रति पूर्ण समर्पण की भावना जाग्रत हो जाती है तब उस शिष्य के साथ गुरू चलते हैं और गुरू के साथ शिष्य को चलना पड़ता है और बहुत बार गुरू को ऐसे रास्ते प चलन पड़त है जिस चलन थ वे ऐस इसलिये कि अपने शिष उस उस प प चल चल चलने குரு சுயம் கோ பி உஸ் ஸ்திதி ஸே சமனா கரதே ஹம் ஜிஸ் ஸ்திதி ஸே சிஷ்ய கராட சாமானா
ू शिष क हुये को हो हो तो वहीं वहीं आक आक उत क क आक आक आक आक आक आक आक आक आक आक का हात, हात में लेकर. ब तो गु को प भी दू तक शिष के पड़त है, जह मलिनत योंकि ह ह के थोड़ी दू है, तो उसमें हो ज कि कल अग अग को अपने
जीवन जीवन सत ज लिये हमें को ही औ इस क में में बहुत मुश पीड़ हैं जो जो कि कि कि कि कि कि इसलिये को हमेश के लिये होन क जीवन को प प क हम गु ही होते
பெறுவது கட்டாயமாகும் குரு தீட்சை எந்தவொரு சாதனத்தையும் செய்வதற்கு முன் அல்லது வேறு எந்த தீக்ஷத்தையும் எடுப்பதற்கு முன் மதிப்பிற்குரிய குருதேவிடமிருந்து. தயவு செய்து தொடர்பு கொள்ளவும் கைலாஷ் சித்தாஷ்ரம், ஜோத்பூர் மூலம் மின்னஞ்சல் , , Whatsapp, தொலைபேசி or கோரிக்கை சமர்ப்பிக்கவும் புனித-ஆற்றல் மற்றும் மந்திரம்-புனிதப்படுத்தப்பட்ட சாதனா பொருள் மற்றும் கூடுதல் வழிகாட்டுதல்களைப் பெற,
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