भगव के के की अपने अपने आप में ही ही सकती है है है पक को को उन किसी भी ष में में में कोई कोई कोई ही ही ही ही यह है है कि अवत थे में भी वे पू की से विभूषित किये हैं षोडश कल कहे गये हैं हैं हैं हैं
भगव भगव अपनी में जब अपने के गये गये गये गये गु ने उनके इन को में ही ही पहच
में व के सोलह व हैं इनमें से एक दो षण किसी किसी किसी किसी विशिष में कहते भगव बुद जैसे के भी भी, इनमें से छः लक चिन ही औ वे उनके ब भी हुये उज में इस से धित एक ग ग हुआ है है है जिसमें षोडश चिन व स स से किये गये कुछ विद्वानों के अनुसार यह ग्रंथ स्वयं 'गुरू सान्दीपन' द्वारा लिखा गया है, जो वर्तमान में काशी के विद्वान 'पण्डित पीताम्बरदत्त जी' के पास सुरक्षित है, यद्यपि यह ग्रंथ तो काफी बड़ा है, जिसमें षोडश चिन्हों और षोडश कलाओं का विस्तृत शास्त्रीय विवेचन हुआ, है लेकिन संक में चिन क व प हूँ हूँ हूँ जो षोडश कल चिन कहे हैं हैं
கமல்- जह जह है है ही चिन अष ूप ूप में है है है औ है है है है है है औ औ औ औ औ औ औ औ है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है कर लेता है, तो भी उसके सारे पाप कट जाते हैं. ति ह ह होत होत है वह विशिष है पृथ में उचित प प प प प प प प प उचित उचित उचित उचित उचित उचित उचित उचित उचित उचित उचित उचित उचित उचित उचित उचित
ஆர்யா- में सू के के नीचे यह सू के सम वृत है, जिसके ओ कि विकी हुई होती ह ह तेजस है युग उनके उनके ज ज से प प है है है औ है
பாஞ்சஜன்ய சங்க்- यह चिन्ह शुक्र पर्वत पर मिलता है. जिसके भी हाथ में ऐसा चिन्ह होता है, उस व्यक्ति का पूरा जीवन मधुरता एवं आनन्द के साथ व्यतीत होता है, दूसरों के साथ उसका व्यवहार अत्यन्त सरल और मधुर होता है और ऐसा व्यक्ति धर्म और विज्ञान के क्षेत्र में अद्वितीय कार्य सम्पन्न करता है।
த்ரிகுணா- वत जह होती है वहीं तीन के गुथे प प प पुष ूप ूप है है ऐस बल बल में होत है औ श उसे उसे स स होते होते होते
புஷ்கல்- चन के के छोटी ेख से बन यह चिन ऐस है, म द क चन र चिन लक क गय है ऐसे चिन क क है, अपने अपने जीवन में लक बनने ஜிசகே நான் நினைக்கிறேன்
அனங்- சுக்ர பர்வத் ஏவன் மஞ்சள் மங்கல் பர்வதம் பற்றி அர்த்தம் காமதேவ சின்னம் ऐसे व्यक्तित्व के हृदय में जोश, आनन्द, उत्साह तथा उमंग का समुद्र लहराता रहता है, उसे कायाकल्प की क्रिया का पूर्ण ज्ञान होता है और उसके साहचर्य में आने वाला व्यक्ति भी रोग रहित, आनन्द युक्त जीवन जीने में समर्थ रहता है।
கஜலக்ஷ்மி- यदि हाथ में तीन मणिबन्ध हो और भाग्य रेखा वहां से प्रारम्भ होकर ऊपर की ओर उठ रही हो तथा जीवन रेखा के समापन स्थल पर गजलक्ष्मी का चिन्ह अंकित हो और यदि यह चिन्ह दोनों हाथों में विद्यमान हो, तो व्यक्ति साधारण घर में जन्म लेकर भी अत्यन्त உச்ச ஸ்தாரிய சம்மான் வ சௌபாக்ய அர்ஜித் கர்தா.
அதுல்யா- द ह में प के नीचे छोटे छोटे चिन वृत बने हैं हैं हैं हैं सू एक स उदित हो चिन चिन लोगों लोगों से के में में स होत है व को स नहीं पड़ती पड़ती है व हती क क
பிரம்மாண்டம்- बृहस के के जह में प होत है, उसके आस यह चिन अंकित है, जो दण ह ह कहीं है है इसी इसी इसी नई नई के के आध कल कल
கலாத்மிகா- यह शनि शनि औ के बीच होत है, जो कि वृत है औ उसमें से सोलह निकलती प होती होती ऐस पू युग देने औ भी च लोक अथव सिद के के क क ने में में
ராஜ்-ராஜேஸ்வரி- हदस महाविद्या आशोडशे चिन्ह है, जो की विक्ति है. द के मध में 108 छोटी छोटी ेख नि यह चिन है है है सिंह प त सुन के स बैठी बैठी बैठी बैठी यह सप्त लोक और तीनों प्रकार की महाप्रकृति से सम्बन्धित चिन्ह है, जिसे अजिता और अपराजिता कहा गया है, जिसके हाथ में यह चिन्ह होता है, वह समस्त ब्रह्माण्ड से जो भी चाहे, जिस प्रकार से भी चाहे, प्राप्त करने में सफल रहता है। அஸ வ்யக்தி கிஸி தரித்ரி கோ பீ குபேர் துல்ய பனா சகதா ஹே.
சர்வானந்த- चिन ह में में मध में होत है, जिसके एक चन औ दूस शुक शुक संयोग संयोग बनत ब कल है औ भी में में कल चिन है, वह के अल अन विशिष प आ आ आ
ஸ்ரீ பிரஜ்ஞா- यह कल के के में प के थी थी थी थी समस सिद समस के के के बन बन यह 'वैभव चिन' है है इसे प ऐस है है, म लक कमल बैठी हो औ दो कलश से से व हे हे ஜிசகே பி ஹாத் நான் யஹ் சின்ஹ ஹோதா ஹய், உசகே கர் மெம் சபி ப்ரகாரர் கி.
பிரமாரி- चिन प के के हुआ होत औ देखने प होत है है म कोई कोई भ ओ ऊंच ऊंच ஜிசகே நான் சொல்கிறேன் वह साक्षात् शिव ஸ்வரூபம் ही होता है.
விதாத்திரி- ह யஹ் சின்ஹ் ஜிசகே பிக் ஹாத் என் அங்கித் ஹோதா ஹய், வஹ கிஸி பிவ்யக்திக்கு பாக்.
பரா- हो सोलहवीं कला है மற்றும் பரா-அபரா வித்யா சாக்ஷீபூத ஸ்வரூபம். चिन चिन प होत है औ प प होत है, म जव पू क क के इस की की की पंखुडि़य होती, जिनके न हैं- क, श, प, बुद, लज, सिद, औ ख
इन क ह होन एक विलक घटन है जो अपने में चिन के व भी भी किसी किसी
நிதி ஸ்ரீமாலி
பெறுவது கட்டாயமாகும் குரு தீட்சை எந்தவொரு சாதனத்தையும் செய்வதற்கு முன் அல்லது வேறு எந்த தீக்ஷத்தையும் எடுப்பதற்கு முன் மதிப்பிற்குரிய குருதேவிடமிருந்து. தயவு செய்து தொடர்பு கொள்ளவும் கைலாஷ் சித்தாஷ்ரம், ஜோத்பூர் மூலம் மின்னஞ்சல் , , Whatsapp, தொலைபேசி or கோரிக்கை சமர்ப்பிக்கவும் புனித-ஆற்றல் மற்றும் மந்திரம்-புனிதப்படுத்தப்பட்ட சாதனா பொருள் மற்றும் கூடுதல் வழிகாட்டுதல்களைப் பெற,
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