स स जब उपस उपस होत यही नि तथ से से ही एक एक एक एक एक एक அர்த்தம் கர்தவ்ய கா போத பீ யஹி கராதி ஹை ததா அந்த ப்ரேரணா ஹமாரே லியே மூக் சிக்தை भक
हम हृदय स उस यंत है जो प चैतन है इससे सूक प कि क हत हत है है हगरनें हमे विचारों बर्बाप हैटी हइधनी सूक्ष्म है कि इसको अनसुना करना हमारे लिये बडा़ा है.
யஹ் கேவல் சேதனா ஹீ பிரதான் கர் சக்தி இல்லை, விரோதம் இல்லை. कोई भी बुरे कार्य करने वाला व्यक्ति अपनी अन्तरात्मा की आवाज को दबा कर ही किसी भी बुरे कार्यो में सलंग्न होता है ऐसा नहीं है कि उसे अन्तरात्मा ने आगाह नहीं किया हो यह ईश्वर प्रदत सूक्ष्म यंत्र प्रत्येक को यह चेतावनी अवश्य दे देती है यह कर्म मत क उचित नहीं होग होग को समय समय हम क क कंप श श पसीने पसीने
परन्तु मनुष्य के सात्विक क्रिया कलापों की कमी तथा पापों के कारण अन्तरात्मा मलिन हो जाती है तथा इसकी ध्वनि मनुष्य के क्रोध, कलहों, दोषों, लोभ-लालच के वशीवर्ती होकर दब जाती है तथा मनुष्य बुरे कर्मो को करने की ओर अग्रसर होता है। अल मनुष के शुद क अपन यह अधिक होक होक बु क क वि प प हम
झूठ बोलने से यह मूक यह तक कि सी हो है मनुष मनुष के कुटिलत पू के व व உனகி வாணி தாத்தா ஆசரணத்தில் பின்தங்கிய ஹோதி மிகவும் நன்றாக இருக்கிறது.
व, अपनी है जिससे यह तुम्हारे विचारों में रच-बस जाती है तथा तुम्हारे कार्यो पर इसका प्रभाव पड़ना शुरू हो जाता है तथा दैनिक जीवन में भी तुम्हारे कार्यो में इस के कारण अवरोध आते है कोई तुम पर विश्वास नहीं कर पाता और इस प्रकार पूरे जीवन भर आप துரிக் பீடா கஷ்டங்களில் படுகிறது.
தும் அபனே ஸ்வார்த்தவஷ் அன்ய கே சத் விஸ்வாசகாத் கரதே ஹோ, தோகா டெதேதே ஹோ லேகினது. तुम्हें पता भी नहीं होता कि तुम क्या कर रहे हो लेकिन बुरा करने के पश्चात् तुम्हारी अन्तरात्मा तुम्हें अन्दर ही अन्दर अवश्य कचोटती है, जब तुम अवश्य सोचते हो कि तुमने यह क्या किया तुम शोकाकुल हो जाओगे तथा तुम्हारा मन घोर पश्चाताप में डूब जायेगा तभी तुम अपने मन बन सकोगे लेकिन अपनी को एक वचन देन कि मैं ऐस बु य कभी नहीं
कल िश लेन आज आज आज आज आज आज यदि यदि यदि यदि यदि------------------------------------------------------------------- है, இந்த க்ரியா-பிரதிக்ரியாவின் நியமங்கள், சம்ஸ்காரங்கள் கோ துமனே பூலா தியா.
लेकिन सब क दंड मिलत है तुम क से को शुद तो तो तुम एक एक जीवन औ औ ஈஸ்வர ப்ரதத்த நியம் भी ही है। அதঃ ஈமானதாரி வ சத்திய கா ஆசரண அபநாயோ. अन्तरात्मा तुम्हें बुरा कार्य करते समय सचेत करती है तथा हृदय में तीव्र वेदना का एहसास होता है यह स्पष्टता अपनी अन्तरात्मा की सूक्ष्म आवाज ही हमें रोकती है कि मित्र ऐसा न करो तुम इसके कारण दुःखी हो जाओगे और जो इसकी आवाज को सुनकर आचरण करता है वह மிகவும் மகிழ்ச்சியாக இருக்கிறது. हमें मित सचेत एक की भी देती वह सदैव के के अनुस चलने चलने प क य है
यदि किसी कार्य के पश्चात् तुम्हारा दिल कांपने लगे, तुम्हें शर्म आने लगे, तुम्हारी आत्मा तुम्हें पीडि़त करने लगे तो तुम स्वयं निर्णय कर लेना कि तुमने बुरा कर्म किया है और यदि तुम्हारा मन प्रसन्नता से तथा उल्लास से भर उठे, शरीर में पुलकन होने लगे நான் சாந்தி வியாப்த் ஹோ ஜாயே தோ சமஸ் லேனா கி துமனே பல கர்ம கியா.
அந்தரத்மாவின் உணர்வுகள் விசுவாசம் இல்லை முக்த நஹீம் கரதே க்யோங்கி ஜோ காரியம் ஒரு மனுஷ்ய அபனி அந்தர் பிரேரணையின் அனுசரணையானது य से ही शुद्ध अन्तप्रेराना का सफटन होगा.
தூசரே மனுஷ்ய கோ வஹி காரிய உசகி அந்த பிரேரணை இல்லை अपवित्र हृदय की ध्वनि को अन्तप्रेरणा नहीं मानना है जो मन भोग विलास व दुर्व्यसनों की ओर लिप्त होना चाहता है वह अपवित्र मन है तथा वासनाओं से ग्रस्त है, विषय में लिप्त है यह तुम्हें सद्मार्ग से हटाकर अधोगति की ओर अग्रसर करेगा।
सात्विक मन ही दैवीय बल का भण्डार होता है इसमें मनुष्य उच्चता की ओर अग्रसर होता है यह गुरू के समान तुम्हारा मार्गदर्शन करेगा, तुम्हें सात्विक आचरण कर मन को पवित्र रखना चाहिये तथा पवित्र मन से ही अन्तःप्रेरणा लेनी चाहिये एवं रजस व तमस को नष्ट कर सत्य கோ ஆசரணத்தில் லானா சாஹியே. तब ही व्यक्ति अपना निर्णय स्वयं कर सकता है, कि वह श्रेश्ठ व्यक्तित्व युक्ता यै।
यदि किसी हो औ सोचे सोचे उसकी य उसे वह वह उस उस उस उस उस उस उस उस उस उस उस येग ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज उस उस उस उस उस उस उस उस उस $ அபனி அந்தரத்மா கி ஆவாஜ் நஹீம் சுனேகா ததா சோரி கரனே மெம் இல்லை ஹிசகேகா. पहली बार किसी बुरे कर्म को करते समय किसी सज्जन व्यक्ति के हाथ-पांव कांपने लगते है उसे भारी कष्ट अनुभव होने लगता है लेकिन एक बार यदि बुरे कर्म में लिप्त होकर बार-बार वैसे कर्म करने पर उसकी अन्तरात्मा कुण्ठित हो जाती है तब उसे कोई कष पीड़ आदि नहीं आत क अति यंत इसकी को खने के लिये श श को क हन है ही
अपनी य सत पुण क शुद व व प बन जिससे वह अधिक अधिक
சாத்விக் போஜன் சே அந்தராத்மா சுத்த ரஹதி ஹை ஜபகி அபராதி சதெய்வ உதயதாஸ், शुद युक युक संस इस में से से से है जब कि अप सदैव दुःखी दुःखी
दुष मनुष य को औ वह उसक त देत है है है
जिसकी होती होती सदैव होत है शुद चित में ही ही ही में में ही ईश क होत ஜிஸ் பிரகார் தேஹும் சுந்தரமும் ஆரோக்கிய அனிவாரம் உசி பிரகாரம் மிகவும் ஆபத்தானது.
नैतिकता तथा ईमानदारी अपनाओं यह परम सुन्दर है मन की पवित्रता बनाये रख कर आन्तरिक सुन्दरता अपनाओं जिससे उस ईश्वर की आवाज को अपनी अन्तरात्मा की आवाज के रूप में हम सुन सकें तथा उस पर चलकर देवमय शक्तियों से युक्त हो सकें उससे अपना तार मिला सके तथा उस த்வனி கோ சுனகர் யுக் புருஷ ஸ்வரூப சேதனா கி பிராப்தி கர் சகே.
சஸ்நேஹ் அபகி நான்
ஷோபா ஸ்ரீமாலி
பெறுவது கட்டாயமாகும் குரு தீட்சை எந்தவொரு சாதனத்தையும் செய்வதற்கு முன் அல்லது வேறு எந்த தீக்ஷத்தையும் எடுப்பதற்கு முன் மதிப்பிற்குரிய குருதேவிடமிருந்து. தயவு செய்து தொடர்பு கொள்ளவும் கைலாஷ் சித்தாஷ்ரம், ஜோத்பூர் மூலம் மின்னஞ்சல் , , Whatsapp, தொலைபேசி or கோரிக்கை சமர்ப்பிக்கவும் புனித-ஆற்றல் மற்றும் மந்திரம்-புனிதப்படுத்தப்பட்ட சாதனா பொருள் மற்றும் கூடுதல் வழிகாட்டுதல்களைப் பெற,
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