சன்யாசி கே கண்டே ஜோலி தங்கி ஹோதி ஹாய், உசகா நாமம் ஹாய் கன்தா. ऋषि कहते है वस्तुतः सन्यासी की जो गुदड़ी है, झोली है, वह तो धैर्य है और धैर्य की इस गुदड़ी में बड़े हीरे आ जाते है लेकिन धैर्य तो हमारे भीतर जरा भी नहीं होता और छोटे-मोटे के लिए तो हम प्रतीक्षा भी कर लें, விராட் கே லியே ஹம் ஜரா பீ பிரதிக்ஷா நஹீம் கரனா சாஹதே. व सी सी की की है है है कोई सत व होने के लिए व है है है है பாதா குச் பி நஹீம், கசரா லெகர் கர் லௌட் ஆதா ஹாய். लेकिन कोई व स य प है, तो वह दिन मुझे कहत है कि एक दिन बीत कुछ कुछ कुछ नहीं चोटी-छोटी चिजों हम कितनी प्रतीक्षा करने को तैयार है!
एक थोड़े से के लिये द प सकत है औ क है है कि नहीं कल कल नहीं नहीं नहीं नहीं चाह गहरी है दन को पाने की, इसलिये प्रतीक्षा कर लेता है. प छटी का दिन हो, अवकाश का समय हो மற்றும் फिर वह चाहता है, बस डीजल दी दी बत बत कि नहीं है जीवन जीवन प लग औ औ न नहीं नहीं उपलब नहीं ट ट ट ट नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं उपलब उपलब उपलब उपलब नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं சப் குச் சமர்பித் கர்னா பீ கோய் பாரகன் இல்லை, கோயி சௌதா இல்லை. இல்லை என்று கேட்கிறேன். அகர் இதன பி சௌதா மன் மென் என் சப் சமர்பித் கர் தியா தோ முஜே, பிரபு. க்யோங்கி ஹமாரே பாஸ் எப்படி இருக்கிறதா? க்யா டோங்கே நீங்கள்? நீங்கள் இல்லை.
ஜீவன் எப்படி நிர்மாணிக்கப்படுகிறாய்? கிஸ் விதி சே ஜீவன் கோ உர்த்வகதி பிரதான் கியா ஜா சகதா உள்ளது. சிஷ்ய அபனே ஜீவன் என்ன செய்வது? मनुष मनुष इस क जीवन किस से ब व व के र की की की இந்த ஜீவனில் ரஹகர் ஹம் கிஸ் தரஹ பரமாத்மா கோ, ஸ்ரேஷ்டதா கோ, பூர்ணதா கர்பத்கப்ரா किस तरह की हम क्र्यायें करें, जिसे कि ब्रहम क्ष्ति को आहं ब्रधम कर्मास्मि कुछ भी संस है मे स में मुझे हो हो सके सके उस से बन सकूं वह ति शक मुझे नि उच की की ति शक प स क क क भ भ पू भ भ भ भ भ पू पू पू पू पू भ भ भ भ केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल यह यह यह यह भ भ यह भ यह केवल केवल यह केवल केवल केवल केवल केवल -किय கன்கட்-பத்தர் பீனே யா பீதர் மென் அனேக்-அனேக் சம்-விஷம் ஸ்திதியோங் கா சங்க்ரஹ கரே. जीवन जीवन को में भी कि तुमने तुमने अपने जीवन अधोगति की की ओ ओ ओ ओ ப்ராப்தி, ஈஸ்வர் கி ப்ராப்தி, பூர்ணதா கி பிராப்தி மிருத்யு போன்ற சம்பவங்கள் உள்ளன. तो स जब जीवन लिये क के औ लिये है है औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ. च, च पंदन पंदन पंदन में कोई भ नहीं हे कोई हे कोई कोई नहीं हे हे है है क अ है अ है है है है है है है है अ अ अ अ , கோய் भी सोच नहीं, कोइ विचार नहीं.
मृत से यह सब है है तो त हम से प तत को ब को सकते प को को को को को को तत त है सकते सकते पू पू को ब ब ब को को को जब मृत्यु निकट आती है तो परिवार के लोग चारों तरफ इकठ्ठा हो जाते हैं, रामायण पाठ करते है, भगवत् पाठ करते है, गायत्री मंत्र करते हैं और कोई गुरू मंत्र करते हैं कि शायद वह जो कुछ देर में समाप्त हो जायेगा, तो वह कुछ श क, सके सुन उसे जल पिल जल युक पत हैं कि उसे तत की की की ति प हो सके सके जब वह व्यक्ति मृत्यु शैया पर बैठा है, உசகி இந்திரியம் இல்லை. अन गतिशीलत करते हैं, गरूद-पुरान पढ़ते है.
ब क क हैं उस तो गीत नहीं हमने हमने कोई मंत ग ग है प क प के में में ही ही वह के प को र लेते तो तो तो तो तो तो तो तो तो तो तो तो तो तो तो तो तो तो तो तो तो तो तो लेते , उत नहीं है, डॉक भी क कि इसक बेज बेज होने व है है अब घ ले ज தம், ஒரு தரஃப் லுதக் ஜாதா உள்ளது மற்றும் ஹம் சமஜ் ஜாதே உள்ளது.
रामायण का पाठ करना, गीता का पाठ करना या भजन करना, हरि का कीर्तन करना या अन्य जो भी क्रिया करने के पीछे भी एक भाव-चिंतन है, उसके पीछे भी हमारा स्वयं का स्वार्थ है कि जब हम मृत्यु को प्राप्त होंगे तो हमारी संतान भी हमारे लिये आसी क्रायें करें, आसी परंपरा चलती आ रही है. पित के लिये हूँ औ जब मृत को होऊंग संत भी हम लिये ऐसी ऐसी क क प चलती पित के लिये हूँ औ जब मैं को को होऊंग तो संत मे लिये इस त त क क जब यु मृत शैय य पड मुझे भी क प सुन क र प प प
विच विच विच क न लेते लेते यह यह ப்ராப்த் ஹி நஹீம் ஹோதி. तो तो लिय நீங்கள் என்ன சொல்கிறீர்கள்? मृत के च
ஷ்ராத் பக்ஷம் நான் அபனே பிதா கா, தாதா கா யா மாம் கா ஜோ பி இது சம்சாரத்தில் இருக்கிறது. विच विच कीजिये स स से अपने पित क द द यही यही லோகங்கள் கோ அபனே பரிவாரத்தின் லோகோ கோ புலா கே ஷ்ரத்த் கா கார்ய கரதே. हलवा बनाते हैं, खीर बनाते हैं யா ஜோ பீ பூரி சப்ஜி பனாதே. வே ஹீ அகர் யஹ் அபனே பிதா கோ ஹி கிலா தேதே தோ ஏசி ம்ருத்யு கி ஸ்திதி பிராப்த் ஹீ. கிஸ் லியே ஷ்ரத் க்ரியா கர் ரஹே ஹம், கிலா ரஹே ஹாய், கானா குத் கோ. பிதா கே லியே கீர் பனா ரஹெம் ஹாய், பிதா கே லியே ஹலவா பனா ரஹெம் ஹேன். पित ध तो मरने क बाद वी कैवाल देखें व क क कहेंगे, सम லோ இஸனே தோ அபனே பிதா கா ஷ்ரத் ஹீ நஹீம் கியா மாம் கா ஷ்ரத்த் ஹி இல்லையா? न स वयं ஹமாரே பிதா யா மாம் இஸ் சன்சார் சே இதனி ஜல்தி ஜாதே ஹி நஹீம்.
उस समय तो केवल औ अहंक अहंक में होते होते, क में होते हैं हैं भी है हूँ यह अहं क चिंतन होत ஜபகி பீதர் ஹோனா சாஹியே பிரம்ம தத்துவம் கா பாவம், ஈஸ்வரன் கா பாவம், குரோ தத்வ வஹ தோ ஹமாரே பீதர் ஹோதா ஹி நஹீம். हम क होत யே துஹ் மற்றும் சுக கோயி பகவான் உற்பத்தி இல்லை கரதே, யே ஹமாரே மஹாதேவ் உத்பன் भगवान का भी ध्यान करते हैं हर हर महादेव करते रहते हैं, परन्तु भीतर में वह महादेव की शक्ति उत्पन्न ही नहीं करते हैं गुरू मंत्र का जाप करते रहते हैं, पर भीतर में गुरू की शक्ति, नारायण की शक्ति उत्पन्न ही नहीं करते। मैंने 11 दिनों பரந்து உசே ஜீவன் மென் உதாரனே கிரியா நஹீம் கியோ பிரார்த்தனா தோ ரோஜ் கரதே. जग. भीत में तो कीचड़ क, गंदगी क भ चिंतन तो क जीवन में कह से, कह से में कमलमय स बनेगी? கைசே கேவல் முக ஸே உச்சரண கரனே சே கோயி ஜீவன் மென் கமல் கா ஃபுல் நஹீம் உகதா.
संस दल दल दल है है है है क जो भी संस में है है है में में है, अश ोध जो है य य य உசகே அந்தர் முழே கிஸ் தாரஹ செ உத் கே ரஹனா ஹை வாஹ வ்ஹவ் பவ சிந்தனை உத்பன்னமாக இருக்கிறது. ग ग देत देत ग देने हैं हैं हैं आप आप हैं हैं वचन निकलते निकलते आप आप आप यों यों यों क क क क में में சங்க்ரா கியா. विच विच विच देह है देह यह आपक बचपन आपको है बचपन कैसे आप को ज है है न तो हो हो हो तो तो तो तो तो तो ा यौवन यौवन म म म हो गयी आप के जीवन वृद आ, ये जो जो है है है है है है है है சபி தோ வ்யதீத் ஹோ கயா. त से से मैंने की से मैंने जव में किये किये किये से अच किये ज ञ किये ये ये को है है है है है को है है है है है है है है है को आपको தேஹ் பரிவர்த்தன் ஹோ கயி, தேஹ் சாத் சால் கி ஹோ கயி, பச்சாஸ் சால் கி ஹோ பய்.ஹீ,
तु क हैं ब आत सुनते हम सुनते हैं हैं दिम दिम की अधिक भाव उसका उपयोग हम नहीं ले खुद की बुद्धि का उपयोग नहीं है. भगवान ने हमें बुद्धि दी है, Parantu ham उसको उपयोग नहीं करते. दूस ने सल दी सल के अनुस हैं हैं, जब हम के से चलेंगे तब हम अधोगती की ओ अग होते धि धि से से विवेक के के चिंतन हम ही नहीं न हीं जीवन में नति की होते होते होते होते की की होते होते होते होते होते होते होते होते होते होते होते होते होते होते होते होते होते ரஹேம், சுயம் ஆத்மவிவேக் செ க்ரியாஷீல் ரஹேன் பரந்து நீங்கள் துசரோன்கள் போன்ற அறிவுரைகள் இசலியே ஜீவன் நான் உங்களை விசாரிக்கிறேன். उसके में में भी ब होत होत कि मुझे पड़ोसी ऐस ग किय किय मे मे मित யஹ் சாரா நுகசான் ஹோ கயா தோ பீ வாபஸ் உஸ் மித்ர கோ ச்டோட், துசரே மித்ர பக். उस भै को चोड़ क दूसरे भाी को पकड लेंगे.
क खुद खुद खुद नहीं नहीं नहीं नहीं की बुद क में लेंगे लेंगे लेंगे लेंगे क क लेंगे बच की की धि क तो पित म म म लेंगे लेंगे लेंगे लेंगे लेंगे लेंगे लेंगे को को ज मे है है उसको समझते है है देत वो लेते क आपको वो वो वो लेते हैं क क आपको क्या कै कैसी की रश्या करता है, किसी को आलोचना करता है. ग गलौच क நான் இல்லை ரஹேகா என் ஜீவன் நான் மலிந்த எப்படி சமாதானம்? ञ न चिंतन हे से है य भल हो हो है है ही है है है ही हो हो हो है है है है है है है है है है है
जैसे जैसे हैं हैं होते पड़ है जीवन में स है भ नि क क ह ह ह म से से से हो हूँ खुद लीजिये लीजिये मे अपने जीवन में दुःख दुःख संत य मित मित मित नि जीवन में यदि सुख, है है में अच स ेम तो तो पू पू पू जिम जिम पू पू पू पू पू पू पू पू पू जिम जिम जिम जिम जिम किये किये किये किये किये किये किये किये में दुःख दुःख ड ने जीवन में सुख नहीं ड है है ने आपको तो समझ दी अग उपयोग उपयोग हम हम अधोगति हैं हैं हैं हैं हैं हमें हमें जैसे चुन, तो से की
दिन दिन दिन में में आपके शुग की समस है एक ोग आय आप में उसमें है खी नि नि की की शुद शुद शुद शुद ரோக் ஹமாரே பீதர் மென், தேஹ மெம் சங்கிரஹித் ஹோதே ரஹென் ஜீவன் மென் அகாரணம் ஹி. भी है है बुद है कुबुद होती है औ गु गु गु की थितियों थितियों गु गु गु होनी होनी होनी है है है है है है है பாவ சிந்தனை தேவை. ू ब
जो भी हम क भ चिंतन हैं दु, शिव क, गणपति य क उसी चिंतन चिंतन हम शक त बन बन सकते सकते जीवन तो है मृत की ओ हम हे है कुछ भी क मृत तो आनी ही आनी आनी ऐस है है कि अब बीस बीस लोगों को भेज भेज मैं तो को नहीं निश ूप ूप मृत होनी है है है है है है है है होनी ஆ கயா, மான் கோ ச்டோட் கே ஆ கயா, தாதா கோ ச்டோட் கே ஆ கயா, நான் இன்னும் நான். ஆனி ஹீ ஆனி ஹாய் மற்றும் மிருத்யு ஆதி ஹை ந தப் ஏகதம் செ நஹீம் ஆதீ. தீரே-தீரே வைசி ஸ்திதியாம் ஜீவன் மே நிர்மித் ஹோனி ஷுரூ ஹோ ஜாதி.
इसीलिये जीवन जीवन में ऐसी विषम स आती है, इसीलिये हम जीवन में दुःख, ोग, कष, ट, ब व मुझे आरोग्यता की प्राप्ति हो, लक्ष्मी की प्राप्ति हो, संतान सुख की प्राप्ति हो, व्यापार की अच्छी वृद्धि हो इसीलिये गुरू की क्रिया यही रहती है कि इन विषम स्थितियों से सम स्थितियों की ओर किस तरह से अग्रसर हुआ जाये, उस में श्रेष्ठता की ओर அக்ரஸர் ஹோம்.
भ चिंतन दीक के के, पूज एक बीज उत क, जिस से से आप के बीज बोते तो वह बीज के अंद कोई नहीं नहीं में वह ति है है है है है फ फ है इतन स बीज होत है, वह म स एक ब द द, गेहूं द वह को फ के उसमें से अंकु फूट फूट हम इतने शक से हैं क हम जीवन जो इस की ूपी जो स है उनको उनको हम सकते सकते सकते? நிச்சயமான தோற்றம் உள்ளது. भीतर में वह एक उष्मा का भाव होना चाहिये, एक अग्नि तत्व का भाव होना चाहिये, एक ऊर्जा तत्व का भाव होना चाहिये वह गुरू दीक्षा के रूप में प्रदान करता है, चेतना का भाव होना चाहिये, क्या एक बीज के अंदर इतनी शक्ति होती है कि कठो जमीन को देखो आप पह ऊप भी को बड़े पत फ के पौध उग ज है कैसे उग ज ज? उसमें को को भी तोड़ने कि शक होती है, तो तो एक छोटी समस को को, क जीवन में सम नहीं सकते है? निश ूप से क सकते हैं हैं भीत वह जीवट क क होन च एक नि क क भ
बीज को देखों कि बीज बीज दिय, कल व खोद के देखो, ओ क तो फूट ही, कल, प औ खोद के तो बीज तो तो तो कट िय स, गणपति थितिय, गणपति स की स की स हो एक एक दिन प नि खन क क
. म म भीत में, ये सब हैं असु की हैं तो तो जीवन में भी असु स हैं जिसमें जिसमें जिसमें हैं बनती बनती हैं नहीं कोई कोई कोई कोई कोई कोई कोई कोई कोई कोई कोई कोई कोई कोई कोई कोई कोई कोई कोई कोई कोई कोई कोई कोई कोई कोई कोई कोई कोई कोई कोई कोई कोई कोई कोई कोई कोई कोई कोई कोई ராக்ஷஸ தத்துவம் கோ ஹம் சங்க்ரஹித் கரதே ரஹதே ஹம். वण क यों क दिन ब ब आयेग दश को को को को को को बधायें हैं, वे दस रूपों में उनको हर सके. वह Vijay का भाव सिंतन है. ऐस में में उन उन किस त सम किय, उन त से से ह, वह चिंतन ही दश दश जो जो सब, कुछ स स, दुःख अपने स मे ही है पीछे नहीं है कुछ भी पीछे पीछे कुछ भी भी भी भी भी भी भी के पीछे पीछे नहीं नहीं नहीं है, घ संत हीनत हीनत है, घ में धन अभ है सभी को नष क क भ भ, दीक है
उपासना, पूजा, साधना इस संसार में नित्य करोड़ो लोग सम्पन्न करते हैं, हजारों-हजारों मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर, चर्च में ईश्वर की आराधना प्रतिदिन होती है, मंदिर का पुजारी भगवान को भोग लगाता है, बड़े-बड़े लाउड स्पीकर, ध्वनि यंत्र लग क क से अ की क की है है, अनेक घ में भी अनेक म से ईश क क क ब ईश ईश व ह है म म पड़त, सैकड़ो , उसे से से है है की, ये तो वही ज सु की स मंगल की म के ईश आ अवश है क क है
क है है है सुनत क नहीं, ज इस मंथन क ये क क विषय है, सोचने सोचने, समझने क विषय पूरे विश्व में परमात्मा की पूजा भिन्न-भिन्न रूप में सम्पन्न होती है और भारतवर्ष में सर्वाधिक पूजा, उपासना होती है, यह भी मानने योग्य है कि यह धरा धार्मिक लोगो की तपस्या और कर्म शक्ति के कारण ही सुरक्षित है, परन्तु विषय यह है कि स क ब ब जीवन की कम होती होती होती होती भी समय समय प अपन ूप जगत को प अपन दिख दिख है, तो किसी किसी नहीं है है सब ध हो है हमने आज आज अपने के विक स है है को को है है है है है है है न न बन गयी, विध हो गयी निश ही प से से हुयी हैं कोई कोई हुयी औ भी बड़ी बड़ी हुयी ब संत संत संत क तो में आश है कि कि यह यह विच विच नहीं होत संत मे ही ल तोड़ेगी तोड़ेगी अपनी से इतनी आक होती ही म आश பரம் ஆவஷ்யகதா உள்ளது, ஆக்ஸிஜன் கி பூர்த்தி பீ தோ வஹி பிரகரிதி மாம் ஹி கரதி.
जब हम उसके ही अस्तित्व का ध्यान नहीं रखेंगे तो विनशता का प्रलय तोहा. क क उप एक एक प क क क उसकी देख पू क ही म औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ प उप उप य है वे की में में में क के के क क में अतिक की की आपकी उप
ही है य दो क को मिले इस मत मतभेद है है एक एक एक तो तो तो तो तो तो तो उसक उसक उसक अनुग अनुग कि कि कि कि कि कि कि कि कि उसने , ा दूस उसे उसे उसे उसे उसे क क आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपको , பல அனுக்ரஹ தோ கர் தியா, தூசரே வாலே நான் உசனே ஹாத் கீஞ்சலியா, ஈஸ்வரம்.
ईश्वर ने कुछ भी अपने पास नहीं रखा, पूरी स्वतंत्रता दे रखी है, जो इच्छा हो करो, कर्म की पूरी स्वंतत्रता है, करने वाला जाने उसे कौन सा पौधा लगाना है, मीठे वृक्ष का बीज रोपण करेगा तो स्वादिष्ट अमृत के समान फल मिलेंगे, बबूल के पेड़ लगायेगा, तो कांटे ही कणे, कड़वाहट ही जीवन में. இசலியே மனித ஸ்வதந்திரம் உள்ளது, உசகி ஜெய்சி இச்ச வ்ருக்ஷ லகாயே. ஈஸ்வர் போன்றவர்களும் கோயி ரோல் இல்லை. ध ध यह यह ही नहीं, युग ा पू क से ओत ओत गतिशील है है है देख देख காரண குச் நா திகே, லெகின் சூரிய கா உதித் ஹோனா நிஷ்சித். க்யோங்கி யஹ் சம்பூர்ண ஸ்ருஷ்டி சத்ரூபம் செ கதிஷீல் ஹை, கதிஷீல் ஹொனா.
ह झुकन झुकन है नहीं, अनुग आत भ भ के स स लेकिन विचित संकट संकट है प है लेकिन भ व कितने है गिन गिन हैं हैं कॉपी कलम की ज पडं़ेगी संख य इतनी होती होती होती है है है है है कि कि कि कि कि कि हैं हैं हैं हैं हैं हैं நிறைய உள்ளது
யுத்தம் அபனே சாரோம் பாய்யோம், ஸ்வயம் கோ மற்றும் திரௌபதி கோ பீ வே பாரி-பாரி சே ஹார். जुआ मनोदश ह ह है, हो क स ज
प द ह में वे गये ने अपने भ दुःश से कह भ में में ले ले ले आओ आओ துர்ஷாசன் திரௌபதி கேஷ் பகட் கர் ஜபரதஸ்தி சபையில் லே ஐயா. உஸ் சமய திரௌபதி ரஜஸ்வலா தீ, உசனே மாத்ர எக் ஹி வஸ்த்ர பஹன் ரகா தா. துர்யோதனன் நே அபனி ஜாகன் திகாதே ஹுயே கஹா-துர்ஷாசன்! இந்த கவுரவங்கள் கி தாசி கே வஸ்த்ர உதார் கர் மேரி ஜாங் பர் பைதா டோ. भरी राजसभा में बड़े-बड़े महारथी थे, एक से बढ़कर एक योद्धाओं से पूरी सभा भरी थी, अनेक शूरवीर, वयोवृद्ध विद्वान थे, ऐसे लोगों के बीच पाण्डवों की महारानी, जो कुछ सप्ताह पूर्व चक्रवती सम्राट के साथ साम्राज्ञी रूप में भूमण्डल के समस्त नरेशों के हुयी हुयी औ होने की घसीट क औ औ उसे अपम क क आदेश आदेश दिय अबल करती है.
के के के से स किसी किसी भी उस की मदद मदद मदद मदद मदद मदद मदद मदद मदद मदद मदद मदद मदद मदद उसने छोड़ दी स, दोनों ह क आंसू की डूबी क स कहने कहने लगी लगी- 'हे हे ण! हे द, हे देव इन कौ स में डूब हूं हूं हूं दय मे मे उद क।। ''
ी कृष आ क ने बंद छोड़ प कि कि अब तू ही मुझे मुझसे मुझसे अपनी भक भक भक अपनी अपनी आत पुक की भगव क भी नहीं, हम भीत भी आत जब आयेगी आयेगी आयेगी तो ूक न सकेंगे उसे அபனி அந்திக் கோஷிஷ் கர் லோ, லெகின் அந்த கி ஜோ புகார் ஹோ வஹ் ஆத்மிக் ஹோனி ஹாய். अन्तः करण की आवाज होनी चाहिये. ऐस भी भी संभवतः देखने को बहुत है तो तकलीफ तकलीफ हत न ओ वह சத். व ईश तक
க்யோங்கி பகவான் சொல்லியிருக்கிறார். பக்த கி ஜஹாம் சே பீ, ஜிஸ் பீ ஸ்திதி மென் ஆத்ம புகார் ஹோகி, ஈஸ்வர் கீ ஹபஸ்த். भगवान को पुकरने की शरीर नहीं சித்த சுத்த ஹோனா, பிரசாதம் இல்லை. स ूप ूप ूप है, लेकिन भगवान की ओर से अपनी संतान की हर दरह छूट है, पर शर्त वही पुरानी कैक. जगत है है सभी देवी अनु फल प प हैं हैं उसी उसी हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं उसी उसी उसी उसी उसी उसी उसी हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं ने ूप में में नटखट गय यशोद केवल केवल अपन समझती हीं जैसी जिसकी उसी उसी उसी उसी उसी उसी उसी क क
सम सम सम , சந்தே கி ஸ்திதி படி பயவஹ ஹோதி ஹாய், சந்தேஹே கிராசித் வ்யக்தி இல்லை.
बहुत ही है है स भगव में पू म ज हैं हैं हैं हैं हैं में को बस लेते लेते ஜீவன் கி பிரத்யேக க்ரியா கோ பகவான் கா அனுக்ரஹ சமூகம் கர் பூரி சிரத்தை முக்கிய பங்கு வகிக்கிறது. ऐसे ही साधक, भक्त अपने जीवन में अद्वितीय உபலப்தி பிராப்த் கரனே மேம் சஃபல் ஹம். को सफल सफल प सफल केवल इसलिये होत है किसी व ति धन धन हो हो बंगल ग हो सफलत सफलत नहीं नहीं यह यह यह यह यह नहीं नहीं , அத்யாத்மத்தின் பிரதிபலிப்பு அல்லது ஆத்மிக சக்தி ஹோ, சாதனா சக்தி கோ, பரிவாரம் நான். जीवन में कोई क हड़बड़ न न क, जल जोखिम भ होती है है जिसके जिसके क की संभ बढ़ इसलिये अपने जीवन संयम संयम दें जब ब स की तो उसके जीवन क बहुत बड़ होत है की य से से सफलत सफलत सफलत सफलत ब इतन इतन य कि में संयम क क जिससे होक
जब सूरज निकलता है, तो पृत्वी पर आक परिवर्तन शरू हो जाता है. जो कलियां बंद होती है, वे खिलने लगती है. விருக்ஷ, பௌதே, பசு, பக்ஷி ஜீவன்த ஹோ ஜாதே. ஜோ சுகந்த தீ. की ोशनी प पड़ते ही प जीवन आ है पृथ सू के प से प हो ज சூரிய கி ரோஷனி கே ஹடதே ஹீ, அந்தகார் சே ப்ரித்வி அசேதன் ஹோ ஜாதி. சபி குச் சூன்ய நிலையில் உள்ளது वहां सब कुछ सुप्त है. सब चेतन है. भहां ज्ञान की रोशनी देज हो जानी है जिसके पहुंचते हि जागरभन। சத்குரு கி சேதனா லே ஜானி ஹே. கிஸ் ப்ரகார் ஹம் சித்த் கி கஹரையோம் மெம் ஞான் கி ரோஷனி லே ஜா சாகே? कैसे पहुँच सकें वह प अंधक सम हो ज जिससे स प आलोकित आलोकित हो உஸ் பிரகாஷ் கோ லே ஜானே கி விதி ஹீ சத்குரு ஹே.
ஜீவன் கா சர்வாதிக் மூலியவான் சூத்ர மன் அன்தேரே கக்ஷோன் மென் ரோஷனி கோ லே ஜானா. ஞானத்தின் மூலம் பிரகாசம் பற்றி அறியப்படுகிறது. जो कलियां सुप्त ती वह खिलकर फूल बन जाती है. मनुष भीत भीत भीत लुप थी थी उठती औ दिन प शक पू ज है है फिर मनुष्य की भीतर कै द्वंद्व, कोइ कलह नहीं रहता. உசகே பீதர் ஒரு சாந்தி ஸ்தாபித ஹோ ஜாதி உள்ளது. தோடா பஹுத் பிரகாஷ் மௌஜூத் உள்ளது. யதி உதன பீ பிரகாஷ் மௌஜூத் ந ஹோதா தோ ஃபிர் ஹம் குச் பி நஹீம் கர் சக்தே. லெகின் தோடா பிரகாஷ் மௌஜூத். हमारे मन किसी कोनो में ஒரு தியா ஜல ஹுயா ஹாய், ரோஷனி எப்படி இருக்கிறது. உசி ரோஷனி நான் சத்குரு என்று பாடுகிறேன். உசி ரோஷனி நான் நீங்கள் கேட்கிறேன். உசி ரோஷனி மென் ஆப் ஜி ரஹே ஹே, விசார் கர் ரஹே ஹாய் உசி ரோஷனி மென்.
हजो चेतन मन है इसका हमने पदार्त में ப்ரயோக் கியா. இதனி படி துனியா கடி ஹோ கை ஞான் கீ. पद में में औ हमने को औ के भी गह न को को खोज लिय, बड़ी शक में आ यदि हम चेतन क ब न भीत तो जिन ने प किय है है वे अणु तक तक जो व्यक्ति अन्दर उपयोग में लाता है, भह आत्मा तक पहुंच जाता है. யதி வஹ ரோஷனி ஹாய், தியா ஹே. हम घर के बाहर रोशनी कहते है तो रास्ता दिखइ पड़ता है. घर के भीतर करते हैं तो घर कष्ट दिखइ पड़ते है. த்யான், சாதனா, தீக்ஷா இந்த ரோஷனி கோ பீதர் லே சலனே கி ஹீ க்ரியா. आँख बंद करके हम अन्दर उतर कर गो बधाने की कोशिश करते. परन्तु अधिकांशत होता यह है कि जब हम एक साधना में सिद्धि नहीं प्राप्त कर पाते है तो उसे छोड़ कर यह सोचते है कि दूसरी साधना में हमें शीघ्रता से सफलता मिल जायेगी, ऐसा सोच कर हम डाल-डाल दौड़ते है और संशयात्मक प्रवृति तथा नास्तिकता के भाव की वृद्धि है. ऐसी इसलिये इसलिये है हम अपने को समझ नहीं उसके को पहच ही नहीं प भ में फंसे फंसे फंसे हते हते हते हते हते हते
हम समक हो हमें छोड़क म च में में सम हो ज तो सभी सभी सभी सभी स स स सभी सभी $ गुरू से जुदे रहने से ही घर-परिवार and संसार से जुदे रहते है. இஷ்ட யா குரு சே நாதா தொடனே சே ஜீவன் கி ஹர் குஸ்திதி கி ஓர் அக்ரஸர் ஹார்ஸ்.
हम चेतन में जो वृत उठती है, अग हम एक वृत को पकड़क क उस अंधे कम में हम पहुँच वह वह वृत लेती लेती लेती लेती लेती लेती लेती है एक क क फूल त खिल खिल अग फूल डंडी के से से हम हम पहुँच पहुँच, नीचे जमीन अन जह जड़े है है जह से उसक उसक तो अग अपनी वृत वृत के पीछे अपने अपने अचेतन मन के तलों तक तक पहुँच उसके मैं वृत वृत के को ही कहत हूँ क नहीं थोड़े भ है है औ ोज ोज क तो अभ धी े े े
म जब हम किसी सदना में प्रवृत्त होते है. நீங்கள் தொடங்கும் காஃபி உத்ஸாஹ் ஏவன் ஷ்ரத்தா ரஹதி. परन्तु सब साधना धीरे-धीरे अपने मध्य चरण में प्रवेश करती है तभी हमारा मन अधीर हो जाता है तथा हम इस बात पर विचार करते हैं कि हमें सफलता क्यों नहीं मिल रही कौन सी न्यूनतायें है, हम यह समझ बैठते हैं कि अब इस साधना में हमें सिद्धि नहीं प्रापति होगी.
प क चंचलत जब तथ निश निश नहीं नहीं होत है है பாதா உள்ளது. व में में के र में, कमजो, अस, मन असफलत देत है संस आक स अपनी ओ खीचें खीचें खीचें பிரத்யேக மனுஷ்ய கா மன் வ தாரணா அச்ச்ே கார்யோ கி ஓர் லகானே கா ப்ரயத்ன கியா கரதி. लेकिन तथ स मनुष की को क है औ क भ व को भूल भूल है है है है மன் சே பயபீத் நபர் मन को, शक, संस, संवेदनशील बन च, मन जितन नि होग மன் கோ ஷ்ரேஷ்ட் கார்யோன்கள் மற்றும் ஏகாக்ரசித் கரனே பர் ஹி ஜீவனில் ஸ்ரேஷ்தா.
मन के प से इष च में दृढ़ क क श में स स से सद सद சமஸ்த ஆத்யாத்மிக் மற்றும் பௌதிக வளர்ச்சியின் ஆதார சத்குரு இது போன்றது. प के के सभी, इड पिंगल, सुषुम आदि उनके प क ज कृप ही ही ही குரு மனுஷ்ய தோற்றம் மற்றும் பொருள் உசி கே மதியம் செ ம்ம் அனந்த கா விஸ்தார் டிகை பட் டா. குருவின் பினா அனுபவங்கள் அனைத்தும் சமக்ரதா இல்லை அந்த பதி. சாதனா எக் பிரகார் சே ஷரீர் ரூபி மகன் மற்றும் வாயிரிங் போன்றது. உசகா ஸ்விச் ஆன் கரனே கா காம் குரூ ஹி கரதா ஹே.
பரம் பூஜ்ய சத்குருதேவ்
கைலாஷ் ஸ்ரீமாலி ஜி
பெறுவது கட்டாயமாகும் குரு தீட்சை எந்தவொரு சாதனத்தையும் செய்வதற்கு முன் அல்லது வேறு எந்த தீக்ஷத்தையும் எடுப்பதற்கு முன் மதிப்பிற்குரிய குருதேவிடமிருந்து. தயவு செய்து தொடர்பு கொள்ளவும் கைலாஷ் சித்தாஷ்ரம், ஜோத்பூர் மூலம் மின்னஞ்சல் , , Whatsapp, தொலைபேசி or கோரிக்கை சமர்ப்பிக்கவும் புனித-ஆற்றல் மற்றும் மந்திரம்-புனிதப்படுத்தப்பட்ட சாதனா பொருள் மற்றும் கூடுதல் வழிகாட்டுதல்களைப் பெற,
வழியாக பகிர்ந்து: